आरबीआई ने बैंक लोन चुकाने की (RBI has issued clear instructions regarding the date of repayment of bank loan) तारीख के जिक्र को लेकर साफ निर्देश जारी किए हैं. केंद्रीय बैंक ने कहा है कि बैंक को लोन एग्रीमेंट में (Clearly write the repayment and due date in the loan agreement) रीपेमेंट और ड्यू डेट साफ तौर पर लिखना होगा. मौजूदा नियम के मुताबिक अगर बैंक की ओर से निर्धारित की गई तारीख को लोन नहीं चुकाया जाता है तो इसे ओवरड्यू माना जाता है. 

RBI ने कहा है कि बैंक, एनबीएफसी या कर्ज देने वाली दूसरी संस्थाएं लोन एग्रीमेंट में लोन चुकाने की बिल्कुल सही तारीख, रीपेमेंट की फ्रीक्वेंसी और मूलधन यानी प्रिंसिपल अमाउंट और ब्याज का ब्रेक-अप का साफ-साफ जिक्र करें. इसके अलावा उन्हें स्पेशल मेंशन अकाउंट और नॉन परफॉर्मिंग अकाउंट क्लासिफिकेशन तारीखों का भी जिक्र करना होगा.

RBI ने कहा है कि कर्ज लेने वालों को बैंक की ओर साफ तौर पर बताया जाना चाहिए उनकी लोन चुकाने की तारीख क्या है. यह बात लोन जारी करते समय और उसके बाद इसमें कोई परिवर्तन हो तब भी बताना चाहिए. 

ग्राहक को यह पता होना चाहिए कि लोन देने की (Break-up of principal amount and interest in the loan agreement)शर्तें क्या हैं या लोन एग्रीमेंट के मुताबिक शर्तें और नियम क्या हैं. आरबीआई ने कहा है कि नए लोन जारी करते समय इन निर्देशों का पूरी तरह पालन होना चाहिए. इन निर्देशों के पालन के लिए 31 दिसंबर 2021 से पहले कदम उठा लिए जाने चाहिए.

दरअसल पिछले कुछ वक्त से ऐसा देखने में आ रहा है कि लोन एग्रीमेंट पर कभी-कभी लोन चुकाने की सही तारीख का का जिक्र नहीं होता है. इससे लोन चुकाने की तारीखों को लेकर अलग-अलग व्याख्या की आशंका पैदा हो जाती है. आरबीआई ने कहा है कि कर्ज लेने वालों को नियम-शर्तों की जानकारी देने और उन्हें जागरूक बनाने के लिए बैंकों और दूसरे कर्ज देने वाली संस्थाओं को SMA, NPA क्लासिफिकेशन को अपनी वेबसाइट पर उदाहरण सहित समझाना चाहिए.