पंजाब विधानसभा चुनाव 2022 (Punjab assembly elections 2022)  में सरकार बनाने के लिए चन्नी सरकार (Channi government)  ने एक और चुनावी मास्टर स्ट्रोक खेलने की तैयारी कर ली है. जल्द ही पंजाब में सरकारी और प्राइवेट नौकरियों में (Punjabis will get reservation in government and private jobs in Punjab) पंजाबियों को आरक्षण मिलेगा. इसके लिए पंजाब सरकार हरियाणा की तर्ज पर कानून लेकर आएगी. जिसमें पंजाबियों के लिए (reservation quota will be fixed for Punjabis) एक कोटा तय होगा.

मंगलवार को सीएम चरणजीत सिंह चन्नी (CM Charanjit Singh Channi) की अगुवाई में कैबिनेट की मीटिंग है. उसमें स्थानीय लोगों को राज्य की (Proposal to give 75 percent reservation to the local people in private jobs) प्राइवेट नौकरियों में 75 प्रतिशत आरक्षण देने का प्रस्ताव लाया जा सकता है. इसकी तैयारी की जा रही है.

सीएम चरणजीत चन्नी ने कहा कि मैं चाहता हूं कि पंजाबियों को पंजाब (Punjabis to get jobs in Punjab) में नौकरी मिले. पंजाब सरकार जल्द कानून ला रही है कि सरकारी और प्राइवेट सेक्टर में 100 प्रतिशत के करीब नौकरियां पंजाबियों को मिले. उन्होंने कहा कि पंजाबियों की नौकरियां हरियाणा, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के हिस्से में जा रही हैं. उन्होंने कहा कि पंजाब हरियाणा से भी बेहतर कानून लेकर आएगा. जिसमें नौकरियों में पूरी तरह पारदर्शिता रहेगी. उन्होंने पंजाब में सरकारी नौकरियों की वैकेंसी निकालने का भी दावा किया.

इस बारे में पंजाब के खेल एवं शिक्षा मंत्री परगट सिंह (Punjab Sports and Education Minister Pargat Singh) ने कहा कि ऐसा कानून पहले से है लेकिन अफसरों ने उसका उल्लंघन किया. हम उसमें करेक्शन कर रहे हैं. पंजाब की सरकारी नौकरियों में (Punjabis should get preference in government jobs in Punjab) पंजाबियों को तरजीह मिलनी चाहिए. उन्होंने कहा कि इस पर चर्चा की जा रही है. यह पंजाबियों का हक भी है, कि उन्हें ज्यादा अवसर मिलें. हो सकता है कि यह आरक्षण 75त्न से भी ज्यादा हो.

हाल ही में पंजाब पुलिस में भर्ती को लेकर मामला उठा था. जिसमें कहा गया कि करीब 300 गैर पंजाबी पंजाब पुलिस में काम कर रहे हैं. इसमें दावा किया गया कि साल 2014, 2016 और 2021 में हुई भर्ती के दौरान यह धांधली हुई है. इस दौरान 5 डीएसपी, 44 इंस्पेक्टर, 21 सब इंस्पेक्टर, 40 एएसआई, 15 हेड कांस्टेबल और 112 कांस्टेबल अन्य सूबों से लाकर पंजाब पुलिस में सीधे भर्ती किए गए, जिससे पंजाबियों का नौकरी पाने का अवसर छिन गया है. पंजाब का गृह विभाग देख रहे डिप्टी सीएम सुखजिंदर रंधावा ने इसकी जांच के भी आदेश दिए थे.