हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) में अब नेताओं, विधायकों और कर्मचारी संघों (MLAs and employees union) की सिफारिशों पर कर्मचारियों के तबादले नहीं होंगे।  हाईकोर्ट की ओर से विधायकों के डीओ नोट पर हुए तबादले रद्द होने ( High Court canceled the transfer of MLAs on the DO note) से सरकार की ओर से यह नए आदेश जारी हुए हैं। 

हिमाचल सरकार (Himachal Government) के मुख्य सचिव की ओर से नोटिफिकेशन जारी किया गया है। कार्मिक विभाग (Personnel Department) की अधिसूचना के अनुसार, अब तबादला या पदोन्नति असंवैधानिक पदों पर बैठे व्यक्तियों की सिफारिश पर नहीं होंगे।  यह प्रक्रिया पूरी तरह से बंद कर दी गई है। 

कार्मिक विभाग ने सभी प्रशासनिक सचिव और विभागों के अध्यक्षों को पत्र भेजा है और इसमें कहा है कि किसी भी असंवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति के कहने या उसके पद को देखते हुए तबादला ना किया जाए।  सभी ट्रांसफर पूरी तरह से प्रशासनिक आधार पर होंगे। 

हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट (Himachal Pradesh High Court) की ओर से प्रदेश सरकार के विभिन्न विभागों के तबादला अपीलों की सुनवाई के दौरान कई तबादलों को गैरकानूनी करार दिया गया है।  लगातार हाईकोर्ट में ऐसे मामले आ रहे थे, जिनमें विधायकों के डीओ नोट पर ट्रांसफर किया गया।  सबसे ज्यादा मामले शिक्षा व स्वास्थ्य विभाग (Education and Health) से आ रहे थे।  बाद में हाईकोर्ट ने इन ट्रांसफर को रद्द किया है। 

दरअसल, हिमाचल में सरकार बदलते ही बड़ी संख्या में बदले की भावना और सियासी रंजिश के चलते तबादले किए जाते हैं। सरकार में भी लगातार ऐसे मामले सामने आते हैं।  राजनेताओं की ओर से भी सियासी रंजिश के चलते कर्मचारियों को धमकाया जाता है।  हाल ही में कांग्रेस के एक युवा विधायक का सरकार आने पर कर्मचारियों को ट्रांसफर करने की धमकी भरा वीडियो सामने आया था।