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बिहार के शेखपुरा में जादू दिखाने के नाम पर शनिवार की सुबह एक युवक की जान चली गई. मामला शेखपुरा के शेखोपुरसराय प्रखंड के वीरपुर गांव का है। युवक इसी गांव के रहने वाले रामलगन रविदास का 18 वर्षीय पुत्र धीरज रविदास था।
जादूगर ने धीरज रविदास को जमीन के अंदर 12 घंटे तक गाड़ दिया था और निकाले जाने तक जिंदा होने का दावा किया था। दोबारा जब गड्ढा खोदकर निकाला गया तो उसकी मौत हो चुकी थी। इस घटना के बाद अब परिजनों में कोहराम मच गया है।
बताया जाता है कि युवक के परिवार का इसी धंधा से रोजी-रोटी चलता है। धीरज रविदास खुद जादू दिखाता था। शुक्रवार की रात वह मधेपुर गांव में अपने साथियों के साथ खेल तमाशा दिखा रहा था। टीम के सदस्यों में खुद उसके परिवार के ही लोग थे। जादू दिखाने के क्रम में युवक को जमीन के अंदर गाड़ कर 12 घंटा के बाद जिंदा निकालने का दावा किया गया। शुक्रवार की शाम में युवक को गाड़ा गया। शनिवार की अल सुबह गड्ढा खोदा गया तो युवक की मौत हो चुकी थी।
घटना की सूचना मिलते ही वीरपुर गांव से धीरज रविदास के परिजन पहुंचे और मातम पसर गया। घटना के बाद बरबीघा थाना के प्रभारी थानाध्यक्ष दल-बल के साथ मौके पर पहुंचे। युवक के शव को अपने कब्जे में लेना चाहा, लेकिन मृतक के पिता और स्थानीय मुखिया के द्वारा विरोध जताया गया जिसपर पुलिस को बैरंग लौटना पड़ा।
इस मामले में परिजनों की ओर से कोई शिकायत भी दर्ज नहीं कराई गई है। मौके पर मौजूद प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि इसी तरह जादू-तमाशा दिखाकर धीरज और उसके परिवार के सदस्य लोगों का मनोरंजन करते थे। बदले में मिले पैसे व अनाज से अपना घर चलाते थे।
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