तेल की कीमतों (Oil prices in India) में पर सरकार बड़ा फैसला लेने का मन बना रही है। पेट्रोल-डीजल के दाम कैसे (Reduce the price of petrol and diesel) कम हो इसके लिए बड़े अर्थव्यवस्थाओं की तरह रणनीतिक तेल भंडार से तेल निकालने की संभावनाओं पर बात चल रही है।

सरकार के अधिकारी ने बताया कि भारत अपने रणनीतिक तेल भंडार से निकासी के तौर-तरीकों पर काम कर रहा है। हालांकि, सरकार ने इसके लिए कोई समयसीमा नहीं तय की है। सरकार इसके लिए तेल उपभोक्ता देशों के संपर्क में बनी हुई है।

उन्होंने कहा कि रणनीतिक भंडार से तेल की निकासी दूसरे देशों के साथ तालमेल बनाकर की जाएगी। अमेरिका ने तेल निर्यातक देशों के समूह ओपेक द्वारा कच्चे तेल का उत्पादन बढ़ाने का अनुरोध ठुकराए जाने के बाद दुनिया के प्रमुख तेल उपभोक्ता देशों से अपने रणनीतिक भंडार से कुछ तेल निकालने का सुझाव दिया है। भारत के अलावा चीन और जापान से भी यह अनुरोध किया गया है।

अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के (Price of crude oil in the international market) दाम बढ़ने से भारत पर काफी असर पड़ा है। दुनिया का तीसरा बड़ा तेल उपभोक्ता देश होने से भारत को अपनी विदेशी मुद्रा का एक बड़ा हिस्सा तेल आयात पर खर्च करना पड़ रहा है। अमेरिकी कदम के बाद ब्रेंट क्रूड के भाव 78.72 डॉलर प्रति बैरल के स्तर पर आ गए हैं जो दस दिन पहले तक 81.24 डॉलर प्रति बैरल पर थे। भारत के पास 53.3 लाख टन का कच्चे तेल का रणनीतिक तेल भंडार है। 

इससे पहले खबर आई थी कि घरेलू ईंधन खुदरा विक्रेता पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कमी कर सकते हैं क्योंकि यूरोप में कोविड मामलों में फिर से तेजी आ रही है। कोविड संक्रमण के कारण पिछले साल अंतरराष्ट्रीय कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट आई थी। एक बार फिर कोविड संक्रमण फैलने से तेल के दामों में कमी देखने को मिल रही है।