तीर्थनगरी मथुरा को लेकर सीएम योगी आदित्यनाथ ने बड़ा फैसला किया है।  कृष्ण जन्मस्थल के चारों तरफ 10 वर्ग किलोमीटर का दायरा तीर्थस्थल घोषित किया गया है, अब यहां शराब और मीट नहीं बिकेगा। 10 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में आने वाले 22 नगर निगम वार्डों को तीर्थ स्थल घोषित किया गया है।  कृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर मथुरा के आयोजन में मुख्यमंत्री ने इस बात की घोषणा की थी। 

यूपी सरकार के इस फैसले के बाद साधु और संत समाज ने खुशी जताई है।  सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि धार्मिक केंद्र के तौर पर मथुरा का विकास उनकी सरकार का मकसद है और उस दिशा में सरकार आगे बढ़ रही है।  यूपी सरकार का कहना है कि मथुरा के विकास के लिए किसी भी स्तर पर संसाधन की कमी नहीं होने दी जाएगी। 

जानकारों का कहना है कि धार्मिक स्थलों को लेकर यूपी सरकार खासतौर पर सीएम योगी आदित्यनाथ पहले से गंभीर रहे हैं।  वो मथुरा जब भी आते रहे हैं तो एक बात कहा करते थे कि अयोध्या और वाराणसी की तर्ज पर मथुरा का विकास हो वो उनकी दिली इच्छा भी रही है।  इसके साथ ही मथुरा के संत समाज की भी मांग रही है कि धार्मिक पर्यटन के तौर पर मथुरा उपेक्षा का शिकार रहा है।  यूपी सरकार के फैसले को सियासी तौर पर देखें तो 2017 के चुनाव में इस इलाके से बीजेपी को जबरदस्त कामयाबी मिली थी और उस समय भी बीजेपी ने लोगों से वायदा किया था कि कृष्ण जन्मस्थली के विकास में उनकी सरकार कभी पीछे नहीं हटेगी।