देश की सबसे बड़ी महानगरपालिका मुंबई महानगरपालिका (Hospital of Mumbai Municipal Corporation) के एक अस्पताल में 4 दिन में 4 नवजात शिशु की मौत (Death of 4 newborns in 4 days) का मामला महाराष्ट्र विधानसभा तक पहुंच गया है. आरोप लगाए जा रहे हैं कि अस्पताल प्रशासन की तरफ से ये लापरवाही हुई. जिसकी वजह से इन नवजात शिशुओं की जान गई. यह महाराष्ट्र सरकार (Maharashtra government) के लिए शर्म की बात है. 

दरअसल मुंबई के भांडुप स्थित सावित्रीबाई ज्योतिबा (Savitribai Jyotiba Phule maternity home in Bhandup, Mumbai)  फुले प्रसूति गृह में 4 दिनों में 4 नवजात शिशुओं की मौत हो गई है. पीड़ित परिजनों की मानें तो उन्हें बताया गया है कि एसी की वजह से इन बच्चों को इंफेक्शन (Children got an infection)  हुआ जिसकी वजह से उन्हें बचाया नहीं जा सका.

पीड़ित प्रमोद मोरे बताते हैं कि उन्होंने 5 दिन पहले अपनी पत्नी को अस्पताल में डिलीवरी के लिए भर्ती करवाया था. बेटा पैदा हुआ लेकिन उसकी हालत अस्पताल प्रशासन ने खराब बताई. इलाज पर इलाज होता रहा. महंगी से महंगी दवाई उन्हें लाने के लिए कहा गया और फिर 22 दिसंबर को अस्पताल प्रशासन ने बताया कि उनके बच्चे की मौत हो गई है. मौत की वजह इंफेक्शन बताई गई.

 पीड़ित परिवार की माने तो सिर्फ उन्होंने ही अपना बच्चा नहीं खोया है. 4 दिनों के अंदर बीएमसी अस्पताल में 4 परिजनों ने अपने नवजात शिशुओं की जान गवाई है और सब को एक ही वजह बताई गई इंफेक्शन. यह इंफेक्शन सभी बच्चों में एक ही तरह का बताया जा रहा है. पीड़ित परिवार अपने बच्चों की जान जाने के पीछे की वजह बीएमसी प्रशासन और अस्पताल वालों की लापरवाही बता रहा है. उनका कहना है कि इस घटना के बाद भी अभी तक अस्पताल प्रशासन की तरफ से उन्हें कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला और ना कोई बात करने के लिए तैयार है.