फिल्मी दुनिया में किसी भी अवॉर्ड से सबसे ऊपर ऑस्कर को रखा जाता है। इस साल ऑस्कर के मंच से भारत के लिए दो बड़ा खुशखबरी आई। दरअसल फिल्म निर्देशक एसएस राजामौली की फिल्म आरआरआर के गाने नाटू-नाटू को बेस्ट ऑरिजनल सॉन्ग कैटेगरी अवॉर्ड मिला। वहीं, डॉक्यूमेंट्री फिल्म 'द एलिफेंट व्हिस्परर्स' ने सर्वश्रेष्ठ डॉक्यूमेंट्री शॉर्ट फिल्म के लिए ऑस्कर पुरस्कार में अपना लोहा मनवाकर यह पुरस्कार अपने नाम कर लिया है, लेकिन क्या आप ऑस्कर ट्रॉफी की कीमत के बारे में जानते हैं। 

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जाहिर ऐसे बहुत ही कम लोग होंगे जो कि ऑस्कर ट्रॉफी की कीमत को जानते होंगे। ऐसे में आपको बता दें कि एक ऑस्कर ट्रॉफी कीमत बस सिर्फ एक डॉलर, यानी करीब 82 रुपए ही होती है। दरअसल नियम है कि ऑस्कर ट्रॉफी को बेचा या फिर निलाम नहीं किया जा सकता है। इतना ही नहीं जिसने ये ट्रॉफी जीती है, भविष्य में उसने रिश्तेदार भी इस ट्रॉफी को बेच या नीलाम नहीं कर सकते हैं। हालांकि अगर आप अपनी ट्रॉफी को लौटाना चाहते हैं तो इसे सिर्फ ऑस्कर अवार्ड देने वाली अकादमी को लौटाया जा सकता है और इसके बदले आपको सिर्फ एक डॉलर मिलेंगे। हालांकि एक ट्रॉफी को बनाने में करीब 32 हजार रुपए खर्च होते हैं, लेकिन इन्हें खरीदने का प्राइस अकादमी ने एक डॉलर ही फिक्स करके रखा है। इसके अलावा ऑस्कर विनर और प्रत्याशियों को एक गुडी बैग गिफ्ट किया जाता है, जिसमें हजारों डॉलर होते हैं।

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इस बीच आपको बता दें कि ऑस्कर ट्रॉफी जीतने वाले नाटू नाटू गाने को एमएम कीरावनी ने कंपोज किया है और इसे राहुल सिप्लिगुंज और काल भैरव ने गाया है। इस गाने की शूटिंग यूक्रेन में हुई थी, जो अभी रशिया के साथ युद्ध की मार झेल रहा है। करीब 43 रीटेक के बाद 20 दिनों में इस सॉन्ग को शूट किया गया। इसने ऑस्कर से पहले गोल्डन ग्लोब अवॉर्ड भी जीता था। ऑस्कर में इस गाने के मुकाबला 'टेल इट लाइक अ वुमन' के 'मी अपलॉज', टॉप गन: मेवरिक के 'होल्ड माई हैंड', 'ब्लैक पैंथर वकांडा फॉरएवर' के 'लिफ्ट अप' और 'एवरीथिंग एवरीव्हेयर ऑल एट वन्स' के 'दिस इज ए लाइफ' से था, जिसमें नाटू नाटू ने खिताब अपने नाम कर लिया।