आज ऋषि विश्वकर्मा जी का जन्मदिन है। यह ब्रह्माण्ड के पहले इंजिनियर थे, इसलिए आज के दिन दुनिया के सभी इंजिनियर, फैक्ट्रीयां, कारखानों में पूजा की जाएगी। इसी के साथ आज कन्या संक्राति भी है। बता दें कि जब सूर्यदेव एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करते हैं तो उसे संक्रांति कहते हैं। कन्या संक्रांति भी इनमें से ही एक है।
कन्या संक्रांति का विशेष महत्व है। इस दिन सूर्यदेव अपना स्थान बदलकर कन्या राशि में प्रवेश करते हैं। इस दिन लोग स्नान, दान कर पितरों की आत्मा शांति के लिए विशेष रूप से पूजा, अनुष्ठान करते हैं। कन्या संक्रांति को भगवान विश्वकर्मा के जन्मदिन के रूप में भी मनाया जाता है। विधि विधान से उनकी पूजा अर्चना की जाती है।
कन्या संक्रांति पर सूर्यदेव की विशेष पूजा अर्चना की जाती है। मान्यता है कि भगवान सूर्यदेव की कृपा दृष्टि जिस पर बनी रहती है उन्हें हर क्षेत्र में सफलता प्राप्त होती है और समाज में यश प्राप्त होता है। आरोग्य का आशीर्वाद मिलता है। कन्या संक्रांति के दिन अपनी सामर्थ्य के अनुसार जरूरतमंदों को दान अवश्य दें।
बुजुर्गों का सम्मान करें, उनकी सेवा करें। इस दिन किसी की निंदा या बुराई न करें। अपशब्द न कहें। किसी का दिल न दुखाएं। संक्रांति के दिन जरूरतमंद लोगों की सहायता अवश्य करें। इस दिन भगवान विश्वकर्मा की पूजा से कार्यक्षेत्र और कार्यक्षमता में वृद्धि होती है।
धन, वैभव की प्राप्ति होती है। कन्या संक्रांति के दिन श्रद्धा के साथ पूर्वजों के लिए दान, पूजा और अनुष्ठान करें। माना जाता है कि कन्या संक्रांति के दिन विधि विधान के साथ पूजा अर्चना करने से जीवन से सारे कष्ट दूर हो जाते हैं।