पौष (Paush) का महीना चल रहा है और पौष का पहला रविवार है। रविवार का दिन सूर्य देव को समर्पित होता है। सूर्य देव सभी ग्रहों के राजा माने जाते हैं। जानकारी दे दें कि पौष के महीने में मांगलिक कार्यों पर रोक लग जाती है क्योंकि इस माह में सूर्यदेव (sun god) धनु राशि में रहते हैं और उनका प्रभाव धरती पर काफी कम हो जाता है। इस समय सूर्य देव की पूजा करने से बहुत ही लाभ मिलता है।
सूर्यदेव (Surya) का पूजा-

1. सूर्यदेव को अर्घ्य (Surya Arghya)-  

तांबे के बर्तन में शुद्ध जल, लाल चंदन और लाल रंग के फूल डालकर नियमित रूप से सूर्यदेव को जल अर्पित करें,लेकिन अर्घ्य सुबह के समय जितना जल्दी दिया जाए, उतना प्रभावी होता है। इसलिए सुबह 9 बजे तक हर हाल में अर्घ्य दे दें।

2. गायत्री मंत्र (Gayatri Mantra) का जाप-

गायत्री माता के जाप से कुंडली में सूर्य की स्थिति मजबूत होती है. इसके अलावा आप सूर्य गायत्री मंत्र ‘ॐ भास्कराय पुत्रं देहि महातेजसे धीमहि तन्नः सूर्य प्रचोदयात्’ का भी जाप कर सकते हैं.
3. रविवार का व्रत (fast)-

पौष माह के रविवार का विशेष महत्व होता है। इस दिन दिनभर व्रत रखना चाहिए और खाने में नमक का उपयोग नहीं करना चाहिए। संभव हो तो सिर्फ फलाहार ही करें और अगले दिन सुबह स्नान के बाद व्रत का पारण करें और व्रत के दौरान सूर्य को तिल-चावल की खिचड़ी का भोग लगाएं।