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भारत के धार्मिक देश है। यहां एक पत्थर की मूर्ति से लेकर पेड़ पौधे और जानवरों की भी पूजा की जाती है। आज के दिन की बात करें तो आज आंवला पूजन (Amla Navami) है यानी की आज आंवले वृक्ष की पूजा की जाएगी और संतान के स्वास्थ्य और सफलता की कामना की जाएगी। इसी तरह से 15 नवंबर को तुलसी पौधे का विवाह का दिन है। इसे तुलसी विवाह (Tulsi Vivah 2021) भी कहते हैं।
बता दें कि हिंदू धर्म में तुलसी विवाह (Tulsi Vivah) का विशेष महत्व है। इस दिन माता तुलसी (Mata Tulsi) और भगवान विष्णु (Lord Vishnu) के शालीग्राम अवतार के विवाह का विधान है।
तुलसी विवाह (Tulsi Vivah) -
माना जाता है कि तुलसी विवाह (Tulsi Vivah) करने से कन्यादान के समान पुण्य की प्राप्ति होती है। इसलिए अगर किसी ने कन्या दान (kanya daan) न किया हो तो उसे जीवन में एक बार तुलसी विवाह करके कन्या दान पुण्य अवश्य प्राप्त करना चाहिए। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, तुलसी विवाह से भगवान विष्णु की कृपा से मनोकामना पूरी होती है।
शुभ मुहूर्त-
तुलसी विवाह (Tulsi Vivah) के दिन हर्षण योग (Harshaan Yoga) का शुभ संयोग बन रहा है। हर्षण योग 15 नवंबर की देर रात 1 बजकर 44 मिनट तक रहेगा। एकादशी तिथि 15 नवंबर को सुबह 06 बजकर 29 मिनट तक रहेगी। इसके बाद द्वादशी तिथि शुरू हो जाएगी। तुलसी विवाह 15 नवंबर, दिन सोमवार को किया जाएगा। द्वादशी तिथि 15 नवंबर को सुबह 06 बजकर 39 मिनट से प्रारंभ होगी, जो कि 16 नवंबर को सुबह 08 बजकर 01 मिनट तक रहेगी।
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