रविवार के दिन सूर्य भगवान को समर्पित होता है। आज के दिन सूर्यदेव की पूजा की जाती है। सूर्यदेव की पूजा करने से मान-सम्मान प्रतिष्ठा में वृद्धि होती है। आज के दिन सूर्य देव की विधि विधान से पूजा-अर्चना की जाती है। शास्त्रों में सूर्य देव को सम्मान, सफलता, प्रगति, उच्च सेवा, ऊर्जा, आत्मा तथा पिता का कारक ग्रह माना जाता है। कुडंली में सूर्य के मजबूत होने पर व्यक्ति को जीवन में सभी तरह के सुखों की प्राप्ति होती है।

राशियों में सूर्य के कमजोर होने पर व्यक्ति को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार सूर्य देव को प्रसन्न करने के लिए रविवार के दिन आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ करना चाहिए। रोजाना सुबह सूर्योदय के समय ये पाठ कर सकते हैं। ऐसा करने से सकारात्मक ऊर्जा बनी रहेगी और जीवन में एक रूटीन होता है जो कि अच्छा होता है। सूर्यदेव की कृपा के लिए आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ करें-

ततो युद्धपरिश्रान्तं समरे चिन्तया स्थितम् । रावणं चाग्रतो दृष्ट्वा युद्धाय समुपस्थितम् ॥॥
दैवतैश्च समागम्य द्रष्टुमभ्यागतो रणम् । उपगम्याब्रवीद् राममगस्त्यो भगवांस्तदा ॥॥
राम राम महाबाहो श्रृणु गुह्मं सनातनम् । येन सर्वानरीन् वत्स समरे विजयिष्यसे ॥॥
आदित्यहृदयं पुण्यं सर्वशत्रुविनाशनम् । जयावहं जपं नित्यमक्षयं परमं शिवम् ॥॥
सर्वमंगलमागल्यं सर्वपापप्रणाशनम् । चिन्ताशोकप्रशमनमायुर्वर्धनमुत्तमम् ॥॥