छठ पूजा के ठीक दूसरे दिन आंवला नवमी (Amla Navami 2021) होती है। आज का दिन बहुत ही खास है और यह त्योहार हर साल कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि पर मनाया जाता है। जैसे कि हम जानते हैं कि इस दिन आंवले (Amla) के वृक्ष की पूजा की जाती है। माना जाता है कि आंवला नवमी (Amla Navami) के दिन द्वापर युग का प्रारंभ होता है।
मान्यताओं के अनुसार द्वापर युग (Dwapar Yuga) में भगवान विष्णु (Lord Vishnu) के आठवें अवतार प्रभु श्रीकृष्ण ने जन्म लिया था। इस दिन भगवान श्रीकृष्ण ने वृंदावन गोकुल की गलियों को छोड़कर मथुरा की ओर प्रस्थान किया था।
पूजा विधि-

1. आंवला नवमी (Amla Navami) के दिन आंवला के वृक्ष की पूजा की जाती है।
2. हल्दी, कुमकुम आदि से पूजा करने के बाद जल और कच्चा दूध वृक्ष पर अर्पित करें।
3. इसके बाद आंवले के पेड़ की परिक्रमा करें।
4. तने में कच्चा सूत या मौली आठ बार लपेटें।
5. पूजा के बाद व्रत कथा पढ़ी या सुनी जाती है।
पूजा के नियम- इस दिन वृक्ष के नीचे बैठकर भोजन किया जाता है और प्रसाद के रूप में भी आंवला खाया जाता है।
शुभ मुहूर्त-

    ब्रह्म मुहूर्त- 04:56 ए एम से 05:49 ए एम
    अभिजित मुहूर्त- 11:44 ए एम से 12:27 पी एम
    विजय मुहूर्त- 01:53 पी एम से 02:36 पी एम
    गोधूलि मुहूर्त- 05:18 पी एम से 05:42 पी एम
    रवि योग- 02:54 पी एम से 06:42 ए एम, नवम्बर 13
    निशिता मुहूर्त- 11:39 पी एम से 12:32 ए एम, नवम्बर 13