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आज सावन की शिवरात्रि है। आज के दिन शिव और पार्वती की खास पूजा की जाती है। वैसे तो सावन में भगवान शिव की ही पूजा की जाती है। सावन में शनिदेव के प्रकोप से बचने के लिए या मुक्ति पाने के लिए शिव की पूजा की जाती है। बता दें कि शनि के अशुभ होने पर व्यक्ति को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार शनि के अशुभ प्रभावों से बचने के लिए देवों के देव महादेव की पूजा करनी चाहिए।
भगवान शंकर की अराधना करने से सभी तरह के दोषों से मुक्ति मिल जाती है। इस समय मकर, कुंभ और धनु राशि पर शनि की साढ़ेसाती और मिथुन, तुला राशि वालों पर शनि की ढैय्या चल रही है। जिस व्यक्ति पर शनि की साढ़ेसाती या ढैय्या चल रही हो, उस पर शनि का सबसे अधिक अशुभ प्रभाव पड़ता है। इस समय सावन का पावन माह चल रहा है। सावन का पावन माह भगवान शंकर को समर्पित होता है।
शिवलिंग पर जल, दूध, चीनी शहद, इत्र, केसर, दही, देसी घी, चंदन, भांग शिवलिंग पर अर्पित की जाती है। ऐसा करने से भगवान शंकर प्रसन्न होते हैं।
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