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कल से खरमास (Kharmas) यानी मलमास (Malmas) का महीना शुरू हो जाएगा। इस महीने के दौरान किसी भी तरह का शुभ कार्य नहीं किय जाता है। ज्योतिष के मुताबिक एक साल में बारह राशियों पर भ्रमण करते हुए सूर्य बारह संक्रांति (Sankrantis) करते हैं। सूर्य देव जब एक राशि से दूसरी राशि मे प्रवेश करते है तो यह स्थिति संक्रांति अर्थात गोचर कहलाती है।
अपनी बारह संक्रांतियों के दौरान जहाँ सूर्य (Sun) वर्ष में एक बार एक माह के लिए अपनी उच्च स्थिति में रहकर अच्छे फल प्रदान करते हैं, वही एक माह के लिए सूर्य अपनी नीच स्थिति को प्राप्त करते हुए निम्न फल भी प्रदान करते हैं।
खरमास (Kharmas) में कर सकते हैं ये कार्य-
प्रसूति स्नान, जातकर्म, अन्नप्राशन, विपणीव्यापार, पशुओं की खरीद और विक्रय, भूमि क्रय- विक्रय, हलप्रवहण, धान्य स्थापन, भृत्य कर्मारम्भ, शस्त्रधारण, शय्या- उपभोग, आवेदन पत्र लेखन, इष्टिका निर्माण, इष्टिकादहन, रक्त वर्ण और कृष्ण वस्त्र धारण, रत्नधारण, जलयन्त्र- कर्म, मुकदमा सम्बन्धी कार्य, वाद्य कलारम्भ, शल्यकर्म, नृत्यकलारम्भ, धान्यछेदन, वृक्षारोपण, कार्यारम्भ, नौकरी प्रारम्भ,आभूषण निर्माण इत्यादि कार्य करने योग्य हैं।
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