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दुनिया में कॉम्पीटिशन इतना बढ़ गया है कि हर कोई एक दूसरे में आगे निकलना चाहता है लेकिन इंसानियत इसमें पूरी तरह से मर जाती है। हर कोई दूसरों को कुचलने की कोशिश कर आने बढ़ रहा है। आपके साथ भी ऐसा है तो ये आलेख आपके लिए हैं। आगे बढ़ते लोगों को देख कुछ लोग खुश नहीं होते हैं साथ ही अंदर जलन की भावना पनप जाती है।
इसका नतीजा दुश्मनी हो जाती है और इसके चलते लोग किसी की भी खुशी को बर्बाद करने में कोई कमी नहीं छोड़ते। अगर आपका भी कोई शत्रु है और वो आपको परेशान कर रहा है, तो 4 कीलों का ये उपाय दुश्मन से छुटकारा दिला सकता है। ध्यान रहे कि किसी को भी आपकी इस विधि का पता नहीं चले। इस विधि को अमावस्या की रात में करें और उस दिन 4 कील लें।
• अमावस्या की रात करीब 10 बजे बाद दक्षिण दिशा में काल भैरव की तस्वीर को लकड़ी की चौकी पर रख दें और अब आप भी काले आसन पर बैठ जाएं।
• तस्वीर के सामने सरसों की तेल में चार बाती वाला दीपक जलाएं।
• चारों कीलों पर मोली बांधकर भैरव के सामने कर दें और काल भैरव से प्रार्थना करें वे इस विधि को सफल करें।
• साथ ही उनसे ये भी कहें कि अगर आपसे इस विधि में कोई गलती भी हो तो माफ कर दें।
• इन सबके बाद हवन कुंड तैयार करें और निम्न मंत्र बोले-
हूं हूं फट स्वाहा
• प्रत्येक मंत्र के बाद काली सरसों से आहुति दें। ये मंत्र आपको 108 बार करना है।
• ध्यान रहें आपको उस जगह से तब तक नहीं उठना है, जब तक ये विधि पूरी न हो जाएं और इस पूरी विधि के दौरान किसी कि भी टोक नहीं लगनी चाहिए।
• विधि पूरी होने के बाद पूरा सब कुछ वहीं पड़ा रहने दें और अगले दिन अपने शत्रु के घर में उस कील को लगा दें। बचा हुआ सामान बहते पानी में प्रवाहित कर दें।
• कील गाड़ने के बाद जब आप घर आए तो अपने पूरे घर में गंगा का छिड़काव जरूर करना न भूलें।
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