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आज देश में शंकराचार्य जयंती मनाई जाएगी। कोरोना काल में जयंती का कार्यक्रम नहीं किया जाएगा। शंकराचार्य जी के बारे में बात करें तो इनका जन्म वैशाख माह में शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि पर हुआ था। आज शंकाराचार्य का जन्मोत्सव मनाया जाएगा। बता दें कि शंकाराचार्य ने हिन्दू सनातन धर्म को सुगठित करने का कार्य किया था। गुरु शंकाराचार्य को कम उम्र में ही वेदों का ज्ञान प्राप्त हो गया था।
जानकारी के लिए बता दें कि आदि शंकराचार्य ने भारत में चार मठों की स्थापना की थी। उत्तर में बद्रिकाश्रम में ज्योर्तिमठ की स्थापना की थी।
पश्चिदम में द्वारिका में शारदामठ की स्थापना
दक्षिण में श्रंगेरी मठ की स्थापना
पूर्व दिशा में जगन्नाथ पुरी में गोवर्धन मठ की स्थापना दसनामी सम्प्रदाय की स्थापना भी आदि शकराचार्य ने ही की थी यह दस संप्रदाय हैं गिरि, पर्वत, सागर, पुरी, भारती, सरस्वती, वन, अरण्य ,तीर्थ और आश्रम इसमें शामिल हैं। शंकराचार्य के चार शिष्य थे पद्मपाद (सनन्दन), हस्तामलक, मंडन मिश्र, तोटक (तोटकाचार्य) है।
बता दें कि गौडपादाचार्य और गोविंदपादाचार्य शंकराचार्य के गुरु थे। शंकराचार्य ने इस ब्रह्म वाक्य को प्रचारित किया था कि 'ब्रह्म ही सत्य है और जगत माया।' आत्मा की गति मोक्ष में है। बताया जाता है कि आदि गुरु शंकराचार्य ने केदारनाथ क्षेत्र में समाधी ली थी। बता दें कि केदारनाथ मंदिर का जिर्णोद्धार भी शंकराचार्य ने ही करवाया था। आज केदारनाथ के कपाट खोल दिए जाएंगे। दर्शन के लिए 30 जून के बाद इजाजत दी जाएगी।
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