शनि देव न्याय के देवता माने जाते हैं। शनि भगवान इंसान के कर्मों के हिसाब से सजा देते हैं और साथ अपने प्रकोप से प्रभावित करते हैं। अगर शनि की काल दृष्टि पड़ जाती है तो उससे कोई नहीं बचा सकता है। शनि प्रभाव बहुत ही खराब होता है, इसमें सुख चैन सभी हराम हो जाते हैं। इसी तरह से बता दें कि लोगों मानते हैं कि शनि देव अपनी साढ़े साती और ढैय्या महादशा पर सिर्फ नकारात्मक परिणाम देते हैं।

शनिदेव हमेशा बुरे परिणाम ही देते हैं, ऐसा नहीं है। लोगों यह भ्रम हैं कि शनि बहुत ही बुरे देवता है और अपने प्रकोप से इंसानों को परेशान करते हैं। बता दें कि किसी जातक की जन्म कुंडली में शनि शुभ स्थिति में विराजमान हों तो वह सुख-सुविधा, समृद्धि आदि प्रदान करते हैं। शनि के शुभ स्थान पर होने से व्यक्ति को कम मेहनत पर ही सफलता हासिल होती है।

ध्यान दें कि शनि के कुंभ राशि में गोचर करते ही धनु राशि वालों पर शनि की साढ़े साती का असर खत्म हो जाएगा। धनु राशि पर शनि की साढ़े साती का अंतिम चरण चल रहा है। जबकि मिथुन व तुला राशि वालों पर शनि की ढैय्या खत्म हो जाएगी। ज्योतिषीय के अनुसार, शनि इन राशियों पर अशुभ प्रभाव डालेंगे। हालांकि साल 2023 में शनि के मार्गी होते ही धनु, मिथुन व तुला राशि से शनि का अशुभ प्रभाव पूरी तरह से हट जाएगा।