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जीवन में कई तरह की विपरीत परिस्थितियां आती है। इंसान सभी को अपने हिसाब से संभालता है। हर परिस्थिति में अपने आप को ढाल लेता है लेकिन कुछ परेशानियां और कुछ परिस्थितियां ऐसी भी होती है जिनकों अधुरा छोड़ना ही अच्छा रहता है। कुछ ऐसी भी परिस्थितियां होती हैं जिनके बीच जान को भी खतरा हो सकता है। कहा जाता है कि कई बार व्यक्ति का मान-सम्मान दांव पर लग जाता है।
आपको बता दें कि परिस्थितियां ऐसी होती है, जिनके बीच फंसने पर वहां से निकलना ही समझदारी होती है।
उपसर्गेऽन्यचक्रे च दुर्भिक्षे च भयावहे
असाधुजनसंपर्के यः पलायति स जीवति।
इसका मतलब है कि अगर कहीं हिंसा भड़क जाए या भीड़ एक साथ हमला कर दे तो वहां से बचकर भागने में ही समझदारी होती है। क्योंकि भीड़ बेकाबू होती है और वो कुछ नहीं देखती। ऐसे में वहां से निकलने में ही भलाई है।
इसी तरह से अगर दुश्मन हमला करे, तो वहां से बचकर भागने में ही भलाई होती है। बिना प्लानिंग आप शत्रु का सामना नहीं कर सकते हैं। जहां अकाल पड़ा हो यानी लोग अन्न के लिए तरस जाते हैं। ऐसे स्थान को जल्द से जल्द छोड़ देने में ही भलाई होती है।
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