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महापर्व छठ (Chhath Puja) की तैयारी में जुट गए हैं। जैसे कि हम जानते हैं कि छठ महापर्व का चार दिवसीय अनुष्ठान नहाय-खाय के साथ शुरू होता है। परंपरा अनुसार नहाय खाय के अगले दिन उपवास रख व्रती खरना पूजन करती हैं। इसके अगले भगवान भास्कर को पहला अर्ध्य शाम को दिया जाता है।
छठ (Chhath Puja) के अंतिम दिन प्रात:काल उदयीमान सूर्य को अर्ध्य दिया जाता है और इसके साथ ही चार दिवसीय अनुष्ठान पूरा हो जाता है। नहाय खाय के दिन पूरे घर की साफ- सफाई की जाती है और स्नान करने के बाद व्रत का संकल्प लिया जाता है। इस दिन चना दाल, कद्दू की सब्जी और चावल का प्रसाद ग्रहण किया जाता है। अगले दिन खरना से व्रत की शुरुआत होती है।
जानिए नहाय खाय से लेकर समापन की सही डेट-
खरना : 9 नवंबर 2021
महिलाएं पूरे दिन व्रत रखती हैं और शाम को मिट्टी के चूल्हे पर गुड़ वाली खीर का प्रसाद बनाती हैं और फिर सूर्य देव की पूजा करने के बाद यह प्रसाद ग्रहण किया जाता है और फिर इसके बाद व्रत का पारणा छठ (Chhath Puja) के समापन के बाद ही किया जाता है।
अर्ध्य शाम को- 10 नवंबर 2021
खरना के अगले दिन शाम के समय महिलाएं नदी या तालाब में खड़ी होकर सूर्य देव को अर्घ्य देती हैं। आने वाले 14 दिन इन राशियों के लिए बेहद फलदायी, गुरु कृपा से होगा लाभ, देखें क्या आप भी हैं इस लिस्ट में शामिल
छठ पर्व का समापन : 11 नवंबर 2021
खरना के अगले दिन छठ का समापन किया जाता है। इस दिन महिलाएं सूर्योदय से पहले ही नदी या तालाब के पानी में उतर जाती हैं और सूर्यदेव से प्रार्थना करती हैं। इसके बाद उगते सूर्य देव को अर्घ्य देने के बाद पूजा का समापन कर व्रत का पारणा किया जाता है।
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