गुरुवार के स्वामी प्रभु श्री विष्णु (shree Vishnu) को बताया जाता है। कहा जाता हैं बृहस्पतिवार का दिन प्रभु श्री विष्णु को समर्पित है। जिस शख्स की कुंडली में गुरु दोष होता है या गुरु का प्रभाव होता है उन व्यक्तियों को बृहस्पतिवार के दिन श्री हरि की आराधना करने की सलाह दी जाती है। परम्परा है कि श्री हरि की विधि-विधान से पूजा-पाठ एवं व्रत आदि करने से जीवन की सभी दिक्कतें दूर होती हैं। 

घर में कभी धन की कमी नहीं होती। प्रभु श्री विष्णु के साथ-साथ मां लक्ष्मी जी भी खुश हो जाती हैं। शास्त्रों के मुताबिक, नियमित तौर पर यदि विष्णु मंत्र का जाप किया जाए, तो ये बहुत लाभदायी होता है। विशेष रूप से वैशाख (Vaishakh), कार्तिक (Kartik) तथा श्रावण (Shravan) में विष्णु की आराधना करना और भी लाभदायक होता है। मान्यता है कि रोजाना भगवान विष्णु के मंत्र का जाप करने से सभी संकटों से निजात मिलता है तथा धन-वैभव की प्राप्ति होती है। इनमें से किसी भी मंत्र का जाप नियमित तौर पर 108 बार करना चाहिए। 

1- ॐ नमो भगवते वासुदेवाय

2- श्रीकृष्ण गोविन्द हरे मुरारे।

  हे नाथ नारायण वासुदेवाय।।

3- ॐ नारायणाय विद्महे। वासुदेवाय धीमहि। तन्नो विष्णु प्रचोदयात्।।

4- ॐ विष्णवे नम:

5- ॐ हूं विष्णवे नम:

 

6. ॐ नमो नारायण। श्री मन नारायण नारायण हरि हरि।  

7. लक्ष्मी विनायक मंत्र - 

दन्ताभये चक्र दरो दधानं,

कराग्रगस्वर्णघटं त्रिनेत्रम्।

धृताब्जया लिंगितमब्धिपुत्रया

लक्ष्मी गणेशं कनकाभमीडे।।

8. धन-वैभव एवं संपन्नता का मंत्र - 

ॐ भूरिदा भूरि देहिनो, मा दभ्रं भूर्या भर। भूरि घेदिन्द्र दित्ससि। 

ॐ भूरिदा त्यसि श्रुत: पुरूत्रा शूर वृत्रहन्। आ नो भजस्व राधसि।

9. सरल मंत्र -

ॐ अं वासुदेवाय नम:

ॐ आं संकर्षणाय नम:

ॐ अं प्रद्युम्नाय नम:

ॐ अ: अनिरुद्धाय नम:

ॐ नारायणाय नम:

10. विष्णु के पंचरूप मंत्र -

ॐ ह्रीं कार्तविर्यार्जुनो नाम राजा बाहु सहस्त्रवान। यस्य स्मरेण मात्रेण ह्रतं नष्‍टं च लभ्यते।।