गणेश चतुर्थी अगले दिन शुक्रवार 10 सितंबर को पड़ रही है। इस दिन गणेश जी की जिद्दत से पूजा अर्चना करें। बताया जाता है कि मध्याह्न में विनायक का अवतरण हुआ था। इसे कलंक चतुर्थी और शिवा चतुर्थी भी कहते हैं। इस दिन की खास बात यह है कि इसी चतुर्थी तिथि को चंद्रमा के दर्शन नहीं करने चाहिए। कह जाता है कि इस दिन चांद देखने से झूठा कलंक लग जाता है और चंद्र दोष लग जाता है।

चंद्र दोष की एक मान्यता है कि जिस तरह से श्रीकृष्ण को स्यमंतक मणि चुराने का दोष लगा था। लेकिन अगर चंद्र को देख ही लिया तो कलंक चतुर्थी की कृष्ण-स्यमंतक कथा को पढ़ने या विद्वत्जनों से सुनने पर गणेश जी क्षमा भी कर देते हैं। इसके साथ ही हर दूज का चांद देखना भी जरूरी है, कलंक आदि से बचने के लिए। तरह-तरह की मनोकामना पूरी करने के लिए विनायक कई उपाय बताते हैं।


  1. शत्रुओं से रक्षा के लिएगणेश जी के पीली कांतिवाले स्वरूप का ध्यान करें।
  2. लाल रंग के गणेश जी बल-शक्ति प्रदान करते हैं।
  3. धन की इच्छा हो, तो हरे रंग के गणेश जी की पूजा करनी चाहिए।  
  4. इन कार्यों में सफलता तभी मिलेगी, जब आप तीनों समय गणपति का ध्यान और जाप करेंगे।