कुंभ हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण पर्व है, जिसमें करोड़ों श्रद्धालु कुंभ पर्व स्थल प्रयाग, हरिद्वार, उज्जैन और नासिक में स्नान करते हैं। इनमें से प्रत्येक स्थान पर प्रति बारहवें वर्ष और प्रयाग में दो कुंभ पर्वों के बीच छह वर्ष के अंतराल में अर्धकुंभ भी होता है। 2013 का कुम्भ प्रयाग में हुआ था। फिर 2019 में प्रयाग में अर्धकुंभ मेले का आयोजन हुआ था। 

हरिद्वार कुम्भ मेला शुरू हो चुका है। इस चार शाही स्नान होंगे. जिसका पहला शाही स्नान महाशिवरात्रि 11 मार्च 2021 को हुआ था। दूसरा शाही स्नान चैत्र अमावस्या यानी 12 अप्रैल, सोमवती अमावस्या को होगा. तीसरा शाही स्नान 14 अप्रैल को मेष संक्रांति पर होगा और चौथा शाही कुम्भ स्नान बैशाखी पर 27 अप्रैल को होगा. इनके अलावा पर्व स्नान भी होंगे. माघी पूर्णिमा 27 फरवरी से पूर्व कुंभ की अधिसूचना जारी होने की संभावना है।

ऐसा पहली बार हुआ है जब कुंभ मेला इस बार 12 साल की बजाय 11 वें साल में आयोजित होगा। पहले  कुंभ मेला 2022 में आयोजित होने वाला था। बता दें कि 83 वर्षों में यह पहली बार है कि कुंभ मेला 11वें साल में होने जा रहा है। इससे पहले इस तरह की घटना साल 1760, 1885 और 1938 में हुई थी।  

जब कुंभ राशि का गुरु आर्य के सूर्य में परिवर्तित होता है। अर्थात गुरु, कुंभ राशि में नहीं होंगे। इसलिए इस बार 11वें साल में कुंभ का आयोजन हो रहा है।  ऐसे में कुंभ मेले का आयोजन इसी साल 2021 में 14 जनवरी को मकर संक्रांति के दिन से ही होगा जो कि अप्रैल तक जारी रहेगा।