देवी को प्रसन्न करने, उनकी सिद्धियां प्राप्त करने और मंत्रों को सिद्ध करने के लिए गुप्त नवरात्रि सर्वाधिक महत्व रखती है। इस बार माघ महीने की गुप्त नवरात्रि  2 फरवरी से शुरु होकर 10 फरवरी तक चलेगी।  गुप्त नवरात्रि की नवमी तिथि बेहद खास मानी गई है. नवमी तिथि आज यानी 10 फरवरी को है। ऐसे में जानते हैं कि गुप्त नवरात्रि की नवमी के दिन मां दुर्गा की किस प्रकार पूजा करनी चाहिए।

सबसे पहले चौकी (बाजोट) पर माता सिद्धिदात्री की प्रतिमा या तस्वीर स्थापित करें। इसके बाद गंगा जल या गोमूत्र से शुद्धिकरण करें। पूजा स्थान पर देवी मूर्ति या चित्र रखकर माता दुर्गा का आवाहन और उनका ध्यान करें। उसी चौकी पर श्रीगणेश, वरुण, नवग्रह, षोडश मातृका (16 देवी), सप्त घृत मातृका (सात सिंदूर की बिंदी लगाएं) की स्थापना भी करें। इसके बाद व्रत, पूजन का संकल्प लें और वैदिक एवं सप्तशती मंत्रों द्वारा माता सिद्धिदात्री  सहित समस्त स्थापित देवताओं की षोडशोपचार पूजा करें। 

आरती के बाद माता की परिक्रमा करे। पूजा के दौरान दुं दुर्गायै नम: इस मंत्र का जाप करें। पूजा में हुई गलतियों के लिए माता से क्षमा मांगें। पूजा के बाद प्रसाद बांटें और खुद भी ग्रहण करें। इसके बाद छोटी कन्याओं को भोजन कराएं और उन्हें दक्षिणा दें। बता दें कि अखंड सौभाग्य के लिए सुहागिन महिलाओं को चूड़ी, सिंदूर भेंट करें और देवी पार्वती को लाल चुनरी चढ़ाएं। देवी पूजा के बाद जरूरतमंद लोगों को कपड़े, अनाज, भोजन आदि चीजों का दान करें। गुप्त नवरात्रि के अंतिम दिन दान का विशेष महत्व धर्म ग्रंथों में बताया गया है। धन लाभ के लिए 10 साल से कम उम्र की लड़कियों को घर बुलाकर भोजन करवाएं और उन्हें कुछ उपहार भी दें। इससे धन लाभ के योग बन सकते हैं। गुप्त नवरात्रि की रात में अपनी मनोकामना अनुसार देवी मंत्रों का जाप करें। इससे आपकी हर इच्छा पूरी हो सकती है।