हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत का विशेष महत्व है। प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा की जाती है। 24 फरवरी को प्रदोष व्रत है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस व्रत के पुण्य प्रताप से भक्त के समस्त पाप और दोष दूर हो जाते हैं।

प्रदोष व्रत के दिन व्रती को प्रदोष काल में भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करनी चाहिए। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, पूजा के बाद अंत में प्रदोष व्रत लाभ और मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए भगवान शिव की आरती जरूर करनी चाहिए।

24 फरवरी 2021, दिन बुधवार

माघ शुक्ल त्रयोदशी तिथि प्रारंभ : 24 फरवरी को शाम 06:05 मिनट पर।
समाप्त : 25 फरवरी को शाम 05:18 मिनट पर।

पूजा विधि

इस दिन ब्रह्म मूहूर्त में उठकर स्नान करें और स्वच्छ कपड़े पहनें।
पूजा स्थल को साफ करें। इसके बाद गंगाजल छिड़कर जगह को पवित्र करें।
अब सफेद रंग का कपड़ा बिछाकर चौकी के चारों ओर कलावा बांधें।
अब भगवान शिव की प्रतिमा को विराजित करें।


शिवजी के चरणों पर गंगाजल अर्पित करें और भगवान को फूल-माला अर्पित करें।
भगवान शिव को चंदन लगाएं।
शिव प्रदोष व्रत के दिन शिवलिंग का अभिषेक करें। शिवलिंग पर धतूरा और भांग चढ़ाएं। भांग-धतूरा न मिलने मौसमी फल भी चढ़ा सकते हैं।
भगवान शिव को धूप, दीप और अगरबत्ती जलाएं।


इसके बाद शिवजी की आरती करें।
अब भगवान शिव को भोग लगाएं।