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हिंदू धर्म में कई पेड़ों की पूजा की जाती है। हर पेड़ की पूजा का मतलब अगल होता है। इसी तरह से पीपल का पेड़ भी है जिसकी पूजा की जाती है। इसके बारे में कहा जाता है कि पीपल (Peepal) में देवताओं का वास नहीं बल्कि पितरों का भी वास रहता है। मान्यता है कि पीपल के पेड़ की जड़ में ब्रह्मा जी (Brahma), तने में भगवान विष्णु (Vishnu) और सबसे ऊपरी भाग में शिव (Shiva) का वास होता है।
माना जाता है कि पीपल की विधि-विधान से पूजा करने पर जीवन से जुड़े सभी कष्ट दूर होते हैं और सुख-समृद्धि और सौभाग्य की प्राप्ति होती है। पीपल (Peepal) के नीचे करें शिव और हनुमत उपासना की जाती है। मान्यता है कि पीपल के पेड़ के नीचे हनुमान जी और भगवान शिव (Shiva) की पूजा करने पर शीघ्र ही कृपा प्राप्त होती है.
शनिवार को पीपल (Peepal) के वृक्ष में लक्ष्मी का वास होता है. ऐसे में धन की देवी की कृपा पाने के लिए इस दिन पीपल के पेड़ में जल अवश्य चढ़ाएं। इसी प्रकार गुरुवार एवं शनिवार के दिन जहां पीपल पर जल चढ़ाने जीवन से जुड़े सभी कष्ट दूर और सुख-सौभाग्य की प्राप्ति होती है।
शनि की ढैय्या (Dhaiya), साढ़ेसाती (Sadesati) या महादशा चल रही है तो आप शनिवार के दिन पीपल के पेड़ की पूजा अवश्य करें। मान्यता है कि शनिवार के दिन पीपल के नीचे सरसों के तेल का दिया जलाने से शनिदेव प्रसन्न होते हैं और साधक के कष्ट को दूर करते हैं।
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