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गंगाजल (Gangajal) को दुनिया में सबसे पवित्र जल माना गया है। यह सबसे ज्यादा पवित्र और पुण्यदायी है। किसी भी तरह की पूजा गंगा जल के बिना अधूरी मानी जाती है। इसके छिड़काव मात्र दु:ख, दुर्भाग्य और नकारात्मक उर्जा दूर हो जाती है। देवताओं की मूर्ति या फिर स्वयं की शुद्धि के लिए गंगा जल का प्रयोग होता है
जैसे कि हम जानते हैं कि गंगा जी (Ganga) शिव की जटाओं से होते हुए पृथ्वी पर पहुंचती हैं, इसलिए भगवान शिव की पूजा में तो गंगा जल बहुत आवश्यक माना गया है। श्रावण मास में गंगाजल से भगवान शिव के अभिषेक बहुत महत्व है।गंगाजल (Gangajal) से जुड़ी जरूरी बातें-
- यदि आप गंगा स्नान करने जा रहे हैं तो कभी गंगा जी में चप्पल या जूते पहन कर प्रवेश न करें।
- गंगा जी भूलकर भी साबुन लगाकर न तो नहाएं और न ही उसमें अपने कपड़े आदि धोएं।
- गंगा जी में खड़े होकर कभी झूठ या किसी को अपशब्द न बोलें।
- गंगाजल (Gangajal) को हमेशा घर में ईशान कोण यानि पूजा स्थान के पास रखें।
- पवित्र गंगा जल को हमेशा किसी धातु के पात्र में भरकर रखें।
- गंगाजल (Gangajal)को प्लास्टिक के बर्तन में इकट्ठा करके नहीं रखना चाहिए।
- नकारात्मक शक्तियों से बचने के लिए यदि संभव हो तो प्रतिदिन अथवा समय-समय पर अपने घर में गंगाजल छिड़कते रहें।
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