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जिंदगी से जुड़ी हर क्रियाओं में वास्तु (Vastu) का अहम स्थान रहता है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि घर में बाथरूम (Bathroom) और टॉयलेट (toilet) सबसे उपेक्षित स्थान माना जाता है लेकिन इन पर कोई खास ध्यान नहीं देता है। पर ये जीवन पर काफी अधिक प्रभाव डालते हैं। इनका वास्तु ठीक होना बेहद जरूरी है।
वास्तु (Vastu) से बाथरूम और टॉयलेट की दिशा
घर में बाथरूम (Bathroom) और टॉयलेट (toilet) का निर्माण पश्चिम, दक्षिण, उतर-पश्चिम या दक्षिण-पूर्व दिशा में होना चाहिए। यह दिशाएँ बाथरूम और टॉयलेट के लिए वास्तु के हिसाब से शुभ मानी जाती है। इससे घर में नकारात्मक ऊर्जा प्रवेश नहीं करती है।
बाथरूम-टॉयलेट से जुडी कुछ ख़ास बातें-
बाथरूम और टॉयलेट भूमि से 1-2 फीट उपर होने चाहिए।
इसका दरवाजा पूर्व या उतर की दीवार पर होना चाहिए।
बाथटब, नल और शावर उतर-पूर्व दिशा में होना वास्तु के हिसाब से शुभ माना जाता है।
आईना उतर-पूर्व दिशा में लगाया जा सकता है।
इसके के लिए हल्के रंग जैसे सफ़ेद, आसमानी, हल्का नीला जैसे रंगो को प्राथमिकता दे। काले और लाल रंग को कभी भी बाथरूम और टॉयलेट में प्रयोग ना करें।
वास्तु के हिसाब से बाथरूम में बाल्टी का रंग नीला होना शुभ माना जाता है क्योंकि नीला रंग ख़ुशी और भाग्य का प्रतीक है।
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