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यह महीना बहुत ही खास है। इस महीने में कई त्योहार और व्रत हैं जो कि मानव को खुशियां प्रदान करते हैं। गणेश चतुर्थी से पहले हरतालिका तीज हर साल भाद्रपद के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाई जाएगी। इस साल यह 9 सितंबर को यानी गणेश चतुर्थी से एक दिन पहले मनाई जाएगी। गणनाओं के अनुसार हरतालिका तीज पर 14 साल बाद रवियोग बन रहा है। इस योग के बारे में बताया जाता है कि इस शुभ संयोग में व्रत और पूजन करने से सुहागिनों की मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
आपको बता दें कि हरतालिका तीज पर भगवान शिव और माता पार्वती की विधि-विधान से पूजा की जाती है। यह व्रत बेहद कठिन माना जाता है। इस दिन सुहागिनें पति की लंबी आयु और सुख-समृद्धि की कामना के लिए निराहार और निर्जला व्रत रखती हैं। मान्यता है कि यह व्रत अत्यंत शुभ फलदायी होता है। हरतालिका तीज को हरियाली और कजरी तीज के बाद मनाते हैं।
पूजा विधि-
1. हरितालिका तीज में श्रीगणेश, भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा की जाती है।
2. सबसे पहले मिट्टी से तीनों की प्रतिमा बनाएं और भगवान गणेश को तिलक करके दूर्वा अर्पित करें।
3. इसके बाद भगवान शिव को फूल, बेलपत्र और शमिपत्री अर्पित करें और माता पार्वती को श्रृंगार का सामान अर्पित करें।
4. तीनों देवताओं को वस्त्र अर्पित करने के बाद हरितालिका तीज व्रत कथा सुनें या पढ़ें।
5. इसके बाद श्रीगणेश की आरती करें और भगवान शिव और माता पार्वती की आरती उतारने के बाद भोग लगाएं।
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