/fit-in/640x480/dnn-upload/images/2022/02/22/dailynews-1645500707.jpg)
मंगलवार का दिन भगवान हनुमान जी को समर्पित है। धार्मिक मान्यताओं अनुसार इस दिन व्रत करने से बजरंगबली शीघ्र ही प्रसन्न हो जाते हैं। साथ ही व्यक्ति के बल और साहस में वृद्धि होती है। इतना ही नहीं जिनकी कुंडली में मंगल ग्रह कमजोर स्थिति में होता है उनके लिए भी ये व्रत फायदेमंद साबित होता है। अगर आप भी मंगलवार व्रत रख रहे हैं या रखने की सोच रहे हैं तो जान लें इस व्रत की विधि, कथा, महत्व, नियम और आरती।
यह भी पढ़े : आज का राशिफल : इन राशि वालों के लिए बेहद अच्छा है आज का दिन , इनकी किसी खास के साथ होगी मुलाकात
मंगलवार व्रत कथा
प्राचीन समय की बात है, किसी नगर में एक ब्राह्मण परिजन रहते थे। उनके कोई संतान नहीं थे। जिसके कारण वो बेहद दुखी रहते थे। ब्राह्मण हर मंगलवार को वन में हनुमान जी की पूजा के करने जाते थे और हर दिन वह बजरंगबली से एक पुत्र की कामना करते थे। उसकी पत्नी भी पुत्र की प्राप्ति के लिए मंगलवार का व्रत करती थी। वह मंगलवार के दिन उपवास रखकर हनुमान जी को भोग लगाने के बाद ही खुद भोजन करती थी।
यह भी पढ़े : Aaj ka Panchang : आज फाल्गुन माह शुक्ल पक्ष की नवमी, सुंदरकांड से हनुमान जी को करें प्रसन्न
एक बार व्रत के दिन ब्राह्मणी भोजन नहीं बना पाई। जिसके कारण वो हनुमान जी को भोग न लगा सकी। इसके बाद खुद को सजा देते हुए उसने प्रण किया कि वह अब सीधा अगले मंगलवार को हनुमान जी को भोग लगाकर ही कुछ खाएगी। इस तरह वह भूखी प्यासी छह दिन तक पड़ी रही। फिर मंगलवार के दिन वह अचानक बेहोश हो गई। हनुमान जी उसकी श्रद्धा और भक्ति से प्रसन्न हुए। उन्होंने आशीर्वाद में ब्राह्मणी को एक पुत्र दिया और बोले यह तुम्हारी हमेशा बहुत सेवा करेगा।
ब्राह्मणी उस बालक को पाकर बहुत खुश हुई और बालक का नाम मंगल रखा। कुछ समय बाद जब ब्राह्मण घर लौटे, तो बालक को देख पूछने लगे कि वह कौन है? पत्नी बोली कि मंगलवार व्रत से प्रसन्न होकर हनुमान जी ने यह बालक उपहार में दिया है। यह सुनकर ब्राह्मण हैरान हुए। उन्हें अपनी पत्नी की बात पर विश्वास नहीं हुआ। तभी एक दिन ब्राह्मण ने उस बालक को कुएं में गिरा दिया।
यह भी पढ़े : नागा राजनीतिक मुद्दे पर बातचीत जल्द ही सकारात्मक नोट पर समाप्त होगी : सीएम रियो
बच्चे को न देख, ब्राह्मणी ने पूछा- मंगल कहां है? तभी मंगल मुस्कुरा कर सामने आ गया। उसे वापस देख ब्राह्मण चौंक गए। उसी रात, ब्राह्मण के सपने में बजरंगबली दर्शन दिए और बताया कि यह पुत्र वास्तव में उनका ही दिया वरदान है। सच जानकर ब्राह्मण बहुत खुश हुए। इसके बाद से दोनों पति पत्नी नियमित रूप से मंगलवार व्रत रखने लगे।
हनुमान जी की आरती
आरती कीजे हनुमान लला की, दुष्ट दलन रघुनाथ कला की।
जाके बल से गिरिवर कांपे, रोग दोष जाके निकट न झांके।
अंजनी पुत्र महा बलदाई, संतन के प्रभु सदा सहाई।
दे वीरा रघुनाथ पठाये, लंका जारि सिया सुधि लाई।
लंका सी कोट समुद्र सी खाई, जात पवन सुत बार न लाई।
लंका जारि असुर सब मारे, राजा राम के काज संवारे।
लक्ष्मण मूर्छित परे धरनि पे, आनि संजीवन प्राण उबारे।
पैठि पाताल तोरि यम कारे, अहिरावन की भुजा उखारे।
बाएं भुजा सब असुर संहारे, दाहिनी भुजा सब सन्त उबारे।
आरती करत सकल सुर नर नारी, जय जय जय हनुमान उचारी।
कंचन थार कपूर की बाती, आरती करत अंजनी माई।
जो हनुमानजी की आरती गावै, बसि बैकुण्ठ अमर फल पावै।
लंका विध्वंस किसो रघुराई, तुलसीदस स्वामी कीर्ति गाई।
आरती कीजै हनुमान लला की, दुष्ट दलन रघुनाथ कला की ॥
मंगलवार व्रत के नियम (Mangalwar Vrat Ke Niyam)
इस व्रत में एक समय भोजन करना चाहिए।
मंगलवार व्रत में पवित्रता का पूरा ध्यान रखें।
इस व्रत में नमक का सेवन न करें।
मीठी वस्तु का सेवन करें और इसका दान भी करें।
मंगलवार के व्रत में भूलकर भी काले या सफेद कपड़े पहनकर हनुमान जी की पूजा न करें।
इस व्रत में लाल वस्त्र पहनना शुभ माना जाता है।
मंगलवार व्रत का आरंभ आप किसी भी महीने के शुक्लपक्ष के मंगलवार से कर सकते हैं। यदि आप मन में कोई मनोकामना लेकर यह व्रत शुरू करना चाहते हैं तो 21 या 45 मंगलवार व्रत करने का संकल्प लेना चाहिए। 21 या 45 मंगल व्रत करने के बाद आपको उद्यापन करना चाहिए। इस दिन ब्राह्मणों को भोजन करवाने के साथ ही दान पुण्य भी करना चाहिए।
पूजा सामग्री
श्री हनुमान जी की मूर्ति या चित्र, लाल रंग से रंगे हुए अक्षत, लाल फूल, इत्र, जल, धूप, दीपक, गंगा जल, चौकी या लकड़ी का पटरा, लाल चंदन, लाल मीठा व्यंजन, बूंदी के लड्डू, लाल वस्त्र, रोली, मौली।
यह भी पढ़े : आज का राशिफल : इन राशि वालों के लिए बेहद अच्छा है आज का दिन , इनकी किसी खास के साथ होगी मुलाकात
पूजा विधि
व्रत वाले दिन सूर्योदय से पूर्व उठ जाएं और स्नान कर लाल वस्त्र धारण करें। इसके बाद पूरे घर में गंगाजल छिड़कें। फिर घर के पूजा स्थल पर या घर की उत्तर-पूर्व दिशा में हनुमान जी की मूर्ति स्थापित करें। इसके बाद बजरंगबली की मूर्ति के सामने देसी घी का दीपक जलाएं। उन्हें फूलों की माला, रोली, सिंदूर आदि अर्पित करें और फल का भोग लगाएं। इस दिन हनुमान जी को चोला भी चढ़ा सकते हैं। संभव हो तो व्रत में चमेली का तेल लगाकर भगवान हनुमान को जरूर अर्पित करें। पूजा के बाद हनुमान चालीसा का पाठ करें। हो सके तो सुंदरकांड का पाठ भी करें। मंगलवार व्रत की कथा पढ़ें और हनुमान जी की आरती उतारें। दिन में एक समय ही भोजन करें। व्रत के दिन विशेष रूप से ब्रह्मचर्य का पालन करें। साथ ही हनुमान जी तथा मंगल देव के मंत्र का जाप करें।
यह भी पढ़े : आज का राशिफल : इन राशि वालों के लिए बेहद अच्छा है आज का दिन , इनकी किसी खास के साथ होगी मुलाकात
मंत्र
ॐ हं हनुमते नम:।
ॐ दक्षिणमुखाय पच्चमुख हनुमते करालबदनाय।
ॐ ऐं भ्रीम हनुमते, श्री राम दूताय नम:।
ॐ हं पवननन्दनाय स्वाहा।
ॐ नमो हरि मर्कट मर्कटाय स्वाहा।
ॐ नमो भगवते आंजनेयाय महाबलाय स्वाहा।
ॐ नमो भगवते हनुमते नम:।
फेसबुक, ट्विटर और यूट्यूब पर हमसे जुड़ें |