शारदीय नवरात्रि (Sharadiya Navratri) छोटे छोटे उपाय करने से पैसों की

तंगी और दरिद्रता दूर किया जा सकता है। नवरात्रि में मां दुर्गा के 9 रूपों

की पूजा की जाती है और मां की कृपा से व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूरी हो

जाती हैं। जैसे कि हम जानते हैं कि मां लक्ष्मी को धन की देवी कहा जाता है और मां सरस्वति को विद्या की देवी कहा जाता है।  

इन दोनों मां की विधि विधान के साथ पूजा करना बेहद शुभ माना जाता है। नवरात्रि के दौरान विधि- विधान से मां लक्ष्मी की पूजा करनी चाहिए। मां लक्ष्मी और मां सरस्वति को प्रसन्न करने के लिए अष्टलक्ष्मी स्तोत्र का पाठ करना चाहिए।
    विद्या लक्ष्मी:

प्रणत सुरेश्वरि भारति भार्गवि शोकविनाशिनि रत्नमये ।
मणिमय भूषित कर्णविभूषण शान्ति समावृत हास्यमुखे ।

नवनिद्धिदायिनी कलिमलहारिणि कामित फलप्रद हस्तयुते ।
जय जय हे मधुसूदन कामिनि विद्यालक्ष्मि सदा पालय माम् ।
    धन लक्ष्मी:

धिमिधिमि धिन्धिमि धिन्धिमि-दिन्धिमी दुन्धुभि नाद सुपूर्णमये ।
घुमघुम घुङ्घुम घुङ्घुम घुङ्घुम शङ्ख निनाद सुवाद्यनुते ।
वेद पुराणेतिहास सुपूजित वैदिक मार्ग प्रदर्शयुते ।
जय जय हे कामिनि धनलक्ष्मी रूपेण पालय माम् ।

अष्टलक्ष्मी नमस्तुभ्यं वरदे कामरूपिणि ।
विष्णुवक्षःस्थलारूढे भक्तमोक्षप्रदायिनी ।।

शङ्ख चक्र गदाहस्ते विश्वरूपिणिते जयः ।
जगन्मात्रे च मोहिन्यै मङ्गलम शुभ मङ्गलम ।
। इति श्री अष्टलक्ष्मी स्तोत्रम सम्पूर्णम ।