चैत्र अमावस्या की संशय की स्थिति है। इसमें अमावस्या दो दिन पड़ रही है, एक आज मानी जा रही है और एक कल मानी जाएगी जिसे सोमवती अमावस्य कहते हैं। आज 11 अप्रैल, रविवार को चैत्र अमावस्या है और इस अमावस्या को दर्श अमावस्या भी कहते हैं। 12 अप्रैल सोमवार को सोमवती अमावस्या है। बता दें कि दर्श अमावस्या की रात्रि में चांद आसमान में बिल्कुल भी नहीं दिखाई देता है।

सोमवती अमावस्या का विशेष महत्व माना जाता है। खास बात यह है कि साल 2021 की पड़ने वाली ये पहली और अंतिम सोमवती अमावस्या है। इस साल में एक ही सोमवती अमावस्य आ रही है। दर्श अमावस्या भी एक ही आ रही है। इसी तरह से चैत्र अमावस्या महत्व भी बहुत माना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन व्रत रखने से और चंद्र देवा की पूजा- अर्चना करने से सौभाग्य और समृद्धि में वृद्धि होती है।
चैत्रा अमावस्या के दिन पूजा करने से मानसिक शांति की प्राप्ति होती है और साथ ही पितर संबंधित कार्य करने से पितरों का आर्शीवाद प्राप्त होता है। पितर दोषों से मुक्ति मिलती है।आज के दिन पवित्र नदियों, तालाबों में स्नान करने का बहुत अधिक महत्व होता है। चैत्र अमावस्या का शुभ मुहूर्तन 11 अप्रैल को सुबह 06:03 मिनट शुरू होकर समाप्ति 12 अप्रैल को प्रात: 8 बजे तक हो जाएगा।