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भारत देश में कई तरह के चमत्कारी मंदिर हैं। इन मंदिर की बनावट के साथ साथ इनकी बहुत ही खास बातें है जो दुनिया को हैरत में डाल देती है। विज्ञान का रूप होता है तो कुछ भौगोलिक का चमत्कार, जिसे दुनिया भगवान का चमत्कार मानती है। इसी तरह से एक रहस्यमयी मंदिर हैं जो ओडिशा में हैं। यह एक ऐसे मंदिर हैं जो बेहद अद्भुत और बड़े से बड़ा जहाज अपनी ओर खिंचा लेता था। यह ओडिशा में स्थित कोणार्क का सूर्य मंदिर है।
जहाजों को अपनी ओर खिंचने का कारण पता लगाने के लिए कई विद्वानों खोज की तो पता चला कि इस मंदिर में 52 टन का चुंबक लगा हुआ है, जिसके कारण से जहाज इसकी ओर खिंचे चले आते हैं। कोणार्क मंदिर अपनी पौराणिकता और आस्था के लिए पूरी दुनिया में मशहूर है। आस्था के कारण लोग इस मंदिर को देखने तो आते ही है लेकिन साथ ही इसे इस अद्भुत शक्ति के कारण देखने आते हैं। बताया जाता है कि कोर्णाक के सूर्य मंदिर के गर्भगृह में स्थापित किए गए सूर्य भगवान के साक्षात दर्शन करने का सौभाग्य बहुत ही कम लोगों को मिलता है।
जानकारी के लिए बता दें कि भारत के इस ऐतिहासिक मंदिर को यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर घोषित किया गया है। 52 टन का विशालकाय चुंबक का पत्थर समुद्र की कठिनाइओं को कम करता था। इससे मंदिर समुद्र के किनारे सैकड़ों सालों से अभी भी वैसा ही खड़ा है जैसा इसे बनाया गया था। मंदिर का मुख्य चुंबक, अन्य चुंबकों के साथ इस तरह की व्यवस्थापित किया गया है कि मंदिर की मूर्ति हवा में तैरती हुई नजर आती है।
मंदिर की ये ताकतवर चुंबक से आधुनिक काल में पानी के जहाज मंदिर की तरफ खींचे चले आते थे लेकिन अंग्रेजों के काल में जब नुकसान होने लगा तो उन्होंने मंदिर के अंदर लगे इस चुंबक को निकाल दिया, जिससे मंदिर की दीवारें और मूर्तियां क्षति हो गई।
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