बजट 2021 में चीन के साथ तनाव की वजह से रक्षा बजट में भारी इजाफा हो सकता है। जी हां, क्योंकि इस समय भारत को चीन और पाकिस्तान से सीमा पर चुनौती का सामना करना पड़ रहा है। इसी वजह से सशस्त्र बलों के आधुनिकीकरण और साजो-सामान की खरीद की कई योजनाओं को लागू किया जाना है। इसलिए माना जा रहा है क‍ि इस साल रक्षा बजट में भारी बढ़त हो सकती है।

आपको बता दें कि केंद्रिय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को वित्त वर्ष 2021-22 का बजट पेश करेंगी। केंद्र सरकार ने पिछले साल देश का रक्षा बजट 6 फीसदी बढ़ाया था। पिछले साल कुल बजट का करीब 15 फीसदी हिस्सा डिफेंस क्षेत्र को मिला था। खबर है कि देश के सशस्त्र बलों की जरूरतों को देखते हुए इस साल केंद्र सरकार आत्मनिर्भर भारत के तहत सशस्त्र बलों के आधुनिकीकरण पर जोर दे रही है इसलिए रक्षा बजट को बढ़ाया जा सकता है।
सेनाओं के लिए अगले पांच साल के लिए मॉडर्नाइजेशन का प्लान लागू करना जरूरी हो गया है। सरकार का जोर हथ‍ियारों और अन्य साजो-सामान के स्वदेशी स्तर पर रिसर्च, विकास और खरीद पर हो सकता है। इसके अलावा अगले दो साल में बड़े पैमाने पर सैन्य साजो.सामान की खरीद की जानी है। रक्षा मंत्रालय द्वारा सीमावर्ती बुनियादी ढांचे के विकास जैसे सड़कों और पुलों के निर्माण पर जोर दिया जा रहा है।

रक्षा मंत्रालय ने इस साल वित्त मंत्रालय से अतिरिक्त फंड की मांग की है। चीन और पाकिस्तान सीमा पर हालात को देखते हुए सशस्त्र बलों के लिए कई आधुनिकीकरण प्रोजेक्ट को तत्काल लागू करने की जरूरत है। रक्षा उत्पादन में देश को आत्मनिर्भर बनाने की कोशिश हो रही है।

गौरतलब है कि चीन सीमा पर पिछले कई साल से लगातार तनाव बना हुआ है। लद्दाख के गलवान घाटी में भारत-चीन के सैनिकों में झड़प भी हो चुकी है। हाल के दिनों सीमा पर गर्मी बढ़ी है क्योंकि चीन ने लद्दाख, उत्तराखंड, सिक्किम और डोकलाम बॉर्डर पर अपने सैनिकों की तैनाती बढ़ाई है। इसलिए सेना को और मजबूत बनाने की शख्त जरूरत है। बहुत साजो-सामान की तत्काल खरीद की जरूरत है जिसके लिए बजट में भारी इजाफा करना होगा।

आपको बता दें कि पिछले साल का रक्षा बजट 471000 करोड़ रुपये का था लेकिन इसमें 133825 करोड़ रुपये तो सैन्य बलों के पेंशन के लिए थे। पेंशन में बढ़त की भी कई साल से मांग लंबित है। 15वें वित्त आयोग ने सेना को पर्याप्त फंड मुहैया कराने के लिए कुछ सिफारिशें की हैं। चीन का रक्षा बजट भारत के रक्षा बजट का करीब पांच गुना है।