
हिंदू धर्म में एकादशी का बहुत अधिक महत्व होता है। चैत्र मास के कृष्ण पक्ष में पड़ने वाली एकादशी को पापमोचनी एकादशी के नाम से जाना जाता है। इस दिन विधि- विधान से भगवान विष्णु की पूजा- अर्चना की जाती है। भगवान विष्णु को श्री हरि भी कहते हैं। एकादशी तिथि भगवान विष्णु को समर्पित होती है। एकादशी व्रत करने से व्यक्ति को सभी तरह के पापों से मुक्ति मिल जाती है और मृत्यु के पश्चात मोक्ष की प्राप्ति होती है। आइए जानते हैं एकादशी पूजा- विधि-
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पूजा- विधि-
सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि से निवृत्त हो जाएं।
घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करें।
भगवान विष्णु का गंगा जल से अभिषेक करें।
भगवान विष्णु को पुष्प और तुलसी दल अर्पित करें।
अगर संभव हो तो इस दिन व्रत भी रखें।
भगवान की आरती करें।
भगवान को भोग लगाएं। इस बात का विशेष ध्यान रखें कि भगवान को सिर्फ सात्विक चीजों का भोग लगाया जाता है। भगवान विष्णु के भोग में तुलसी को जरूर शामिल करें। ऐसा माना जाता है कि बिना तुलसी के भगवान विष्णु भोग ग्रहण नहीं करते हैं।
इस पावन दिन भगवान विष्णु के साथ ही माता लक्ष्मी की पूजा भी करें।
इस दिन भगवान का अधिक से अधिक ध्यान करें।
मुहूर्त-
एकादशी तिथि प्रारम्भ - मार्च 27, 2022 को 06:04 पी एम बजे
एकादशी तिथि समाप्त - मार्च 28, 2022 को 04:15 पी एम बजे
पारणा टाइम-
29 मार्च - 06:15 ए एम से 08:43 ए एम
पारण तिथि के दिन द्वादशी समाप्त होने का समय - 02:38 पी एम
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