कल देवउठनी एकादशी थी और आज तुलसी विवाह (Tulsi vivaah) का पर्व है। आज के दिन तुलसी माता का विवाह किया जाता है। बता दें कि आज के दिन भगवान विष्णु (Lord Vishnu) के शालीग्राम अवतार और माता तुलसी (Tulsi married) का विवाह कराने की परंपरा है। मान्यता है कि ऐसा करने से वैवाहिक जीवन में आने वाली बाधाएं खत्म हो जाती हैं और घर में सुख, शांति और खुशहाली आती है।

तुलसी विवाह विधि (Tulsi vivaah) -

तुलसी के गमले सजाएं।
इसके चारों-ओर गन्ने का मंडप बनाकर उस पर लाल चुनरी ओढ़ाएं
गमले को साड़ी में लपेटकर तुलसी माता को चूड़ी आदि पहनाकर श्रृंगार करें।
भगवान श्रीगणेश सहित भगवान शालिग्राम और तुलसी माता की पूजा करें।
भगवान शालिग्राम की मूर्ति का सिंहासन हाथ में लेकर तुलसी जी की सात परिक्रमा करवाएं।
धूप-दीप के बाद आरती करें।
सामग्री-

पूजा में मूली, शकरकंद, सिंघाड़ा, आंवला, बेर, मूली, सीताफल, अमरुद और अन्य ऋतु फल चढाएं जाते हैं।  
15 नवंबर के शुभ मुहूर्त-

    ब्रह्म मुहूर्त- 04:58 ए एम से 05:51 ए एम
    अभिजित मुहूर्त- 11:44 ए एम से 12:27 पी एम
    विजय मुहूर्त- 01:53 पी एम से 02:36 पी एम
    गोधूलि मुहूर्त- 05:17 पी एम से 05:41 पी एम
    अमृत काल- 01:02 पी एम से 02:44 पी एम
    निशिता मुहूर्त- 11:39 पी एम से 12:33 ए एम, नवम्बर 16