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भगवान शिव को प्रसन्न करना है तो प्रदोष व्रत अवश्य करना चाहिए। यह व्रत भगवान शिव को अतिप्रिय है। इस दिन श्रद्धा से भगवान शनिदेव की उपासना करने से सभी कष्ट दूर हो जाते हैं। इस व्रत का पालन करने से भगवान शिव की असीम कृपा प्राप्त होती है।
भगवान शिव को प्रसन्न करना है तो प्रदोष व्रत अवश्य करना चाहिए। यह व्रत भगवान शिव को अतिप्रिय है। इस दिन श्रद्धा से भगवान शनिदेव की उपासना करने से सभी कष्ट दूर हो जाते हैं। इस व्रत का पालन करने से भगवान शिव की असीम कृपा प्राप्त होती है। इस व्रत में शनि चालीसा, शिव चालीसा का पाठ करना चाहिए।
मान्यता है कि प्रदोष काल में भगवान शिव साक्षात शिवलिंग में अवतरित होते हैं। इसीलिए इस समय भगवान शिव का स्मरण कर उनका पूजन करें। शनि प्रदोष के दिन प्रात: काल में भगवान शिव की पूजा-अर्चना करनी चाहिए, तत्पश्चात शनिदेव का पूजन करें। प्रदोष व्रत संतान प्राप्ति के लिए भी रखा जाता है। शनि प्रदोष व्रत में शनि स्त्रोत का पाठ अवश्य करें।
इस दिन पूजा करने से कार्यक्षेत्र में आने वाली समस्याएं, नौकरी पर संकट, रोग का संकट दूर हो जाता है और पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होता है। भगवान शनिदेव की पूजा में उनकी पसंद की चीजें काला तिल, काला वस्त्र, तिल का तेल और उड़द आदि अर्पित करें। जरूरतमंदों को वस्त्र, अन्न, छाता दान करें। शनिदेव का तेल से अभिषेक करें और तिल या सरसों का तेल दान दें।
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