धार्मिक और प्राकृतिक महत्व से सावन माह में अमावस्या का विशेष महत्व होता है। अमावस्या के दिन जप, तप, दान और स्नान विशेष फलदायी है। अगर कोई व्यक्ति इस दिन दान देता है। इस दिन लोग व्रत करते हैं और पितरों से आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। बताया जाता है कि इस समय में कुछ उपाय किए जाएं तो घर के वास्तु दोष हमेशा के लिए दूर हो जाते हैं। 

अमावस्या के दिन दान करें और जरूरतमंदों को भोजन अवश्य कराएं। 

अमावस्या पर मछलियों या चींटियों को आटा या चीनी खिलाएं। 

यदि परेशानियों ने घेर रखा है तो अमावस्या के दिन हनुमान मंदिर जाकर हनुमान चालीसा का पाठ करें। 

अमावस्या की शाम को घर के ईशान कोण में घी का दीपक जलाएं। ऐसा करने से दरिद्रता दूर हो जाती है। इस दिन भगवान शिव की विधिवत पूजा करें और उन्हें खीर का भोग लगाएं। 

अमावस्या के दिन कौड़ी और तांबे के सिक्के को लाल फीते में लगाएं और उसे मुख्य द्वार पर लटका दें। इससे घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। 

अमावस्या के दिन पूरे घर में गंगाजल का छिड़काव करें। कपूर, चंदन और लोबान का धुआं करें। 

अमावस्या पर घर में पितरों की तस्वीर लगाने के लिए अच्छा दिन माना जाता है।

अमावस्या के दिन भगवान श्री हरि विष्णु की पूजा करें। श्रीयंत्र को स्थापित करें। इस दिन पीले वस्त्र धारण कर पूर्वजों का ध्यान करें।