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शनि देव (Shani Dev) एक क्रूर देवता कहे जाते हैं लेकिन आपको बता दें कि शनिदेव न्याय के देवता है। जो इंसान को उनके कर्मों के हिसाब से फल देते हैं। बुरे कर्म वालों को कई रूपों में सजा देते हैं और अच्छे कर्म वालों को अच्छा फल देते हैं। इसी तरह से शनिदेव (Shani Dev) कर्मों की परीक्षा भी लेते हैं जो कि साढ़े साती और ढैय्या के रूप होती है।
बता दें कि साढ़े साती के तीन चरण होते हैं। जिसमें दूसरे चरण को कष्टकारी माना जाता है। कहते हैं कि तीसरे चरण में व्यक्ति को अपनी गलतियों का एहसास होने लगता है और वह अपने भूल सुधारने की दिशा में काम करने लगता है। शनि (Shani Dev) की साढ़े साती (saadhe saatee) के तीसरे चरण को अच्छा माना जाता है। वर्तमान में धनु, मकर और कुंभ राशि वाले शनि की साढ़े साती से पीड़ित है।
इन लोगों को शनि की साढ़े साती से मिलेगी मु्क्ति-
शनि का राशि परिवर्तन 22 अप्रैल 2022 को होने वाला है। शनि (Shani Dev) अपनी स्वराशि मकर से निकलकर कुंभ राशि में गोचर करेंगे। शनि के राशि परिवर्तन से धनु राशि वालों को राहत मिलनी शुरू हो जाएगी। 11 अक्टूबर 2021 को शनि के मार्गी होने के बाद से ही धनु राशि वालों को राहत मिल सकती है। इस दौरान अगर शनि आपकी कुंडली में शुभ स्थान पर विराजमान हैं तो, अच्छे परिणाम प्राप्त होंगे।
साल 2022 में ही शनि वक्री चाल फिर से प्रारंभ करेंगे और वक्री अवस्था में मकर राशि में गोचर कर जाएंगे। शनि की चाल 12 जुलाई को परिवर्तित होगी। जिसके कारण धनु राशि वालों पर फिर से शनि की साढ़े साती शुरू हो जाएगी। धनु राशि वालों को इस दौरान थोड़े कष्टों का सामना करना पड़ सकता है। हालांकि 17 जनवरी 2023 को शनि (Shani Dev) के मार्गी होते ही धनु राशि के जातक शनि की साढ़े साती (saadhe saatee) से पूरी तरह मुक्त हो जाएंगे।
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