19 नवंबर को साल का आखिरी (The last lunar eclipse of the year will be visible on November 19) चंद्रग्रहण दिखाई देगा। चंद्र ग्रहण कार्तिक शुक्ल पक्ष ( Kartik Shukla Paksha) की पूर्णिमा तिथि को लगेगा। इस चंद्र ग्रहण का धार्मिक दृष्टि से खास महत्व है। ये न सिर्फ राशियों पर अपना प्रभाव दिखा रहा है बल्कि ऐसा संयोग 600 साल बाद बन रहा है। चंद्रग्रहण न सिर्फ भारत (Lunar eclipse will be visible not only in India) बल्कि पश्चिमी अफ्रीका, पश्चिमी यूरोप, उत्तरी अमेरिका, दक्षिण अमेरिका, एशिया, ऑस्ट्रेलिया, अटलांटिक महासागर और प्रशांत महासागर के कुछ हिस्सों में दिखाई देगा।

आगामी 19 नवंबर को साल का आखिरी चंद्रग्रहण लग रहा है। बताया जा रहा है कि पिछले 600 साल बाद इतना लंबा चंद्रग्रहण लग रहा है। नेशनल एरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (नासा) के मुताबिक, आंशिक चंद्र ग्रहण 18 और 19 नवंबर को रात में हो रहा है।

अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने कहा कि ग्रहण मौसम के अनुसार ही किसी स्थान से दिखाई देगा। यह समय क्षेत्र के आधार पर शाम को पहले या बाद में दिखाई देगा।

प्रेस सूचना ब्यूरो की विज्ञप्ति के अनुसार, आंशिक ग्रहण भारतीय मानक समय के लगभग दोपहर 12:48 बजे शुरू होगा और  शाम 4:17 बजे समाप्त होगा। पीआईबी के मुताबिक, "चंद्रोदय के ठीक बाद ग्रहण के आंशिक चरण की समाप्ति अरुणाचल प्रदेश और असम के उत्तर पूर्वी हिस्सों से होगी।"

अर्थ स्काई वेबसाइट के अनुसार, आखिरी बार इतना लंबा आंशिक चंद्रग्रहण 18 फरवरी 1440 को हुआ था और अगला 8 फरवरी 2669 को देखा जाएगा।

बता दें कि चंद्र ग्रहण पूर्णिमा के दिन होता है, जब पृथ्वी सूर्य और चंद्रमा के बीच आ जाती है और जब तीनों संरेखित हो जाते हैं। पूर्ण चंद्र ग्रहण तब होता है जब पूरा चंद्रमा पृथ्वी की छाया में आ जाता है और आंशिक चंद्र ग्रहण तब होता है जब चंद्रमा का केवल एक हिस्सा पृथ्वी की छाया के नीचे आता है।