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सप्ताह के सातों दिनों के नाम नौ ग्रहों के आधार पर रखा गया है। इसीलिए सप्ताह का हर एक दिन किसी न किसी देवता को समर्पित किया गया है। धार्मिक मान्यता के मुताबिक रविवार का दिन सूर्य देवता को समर्पित किया गया है। मतलब, रविवार का दिन सूर्य देवता की पूजा का सर्वश्रेष्ठ दिन माना जाता है। कई ऐसे कार्य हैं जिन्हें रविवार के दिन करने से व्यक्ति को भरी नुकसान भी उठाना पड़ता है।
मनुष्य को भूलकर भी रविवार के दिन पश्चिम एवं वायव्य दिशा में यात्रा नहीं करना चाहिए। क्योंकि इस दिन इस दिशा के लिए दिशा शूल रहता है। यदि रविवार के दिन किसी कारणवश इन दिशाओं में यात्रा करना ही पड़े तो घर से दलिया, घी या पान खाकर ही निकलना चाहिए। रविवार के दिन तांबे से बनी हुई चीजें अथवा सूर्य देवता से सम्बंधित चीजों को नहीं बेचना चाहिए।
रविवार के दिन पहने जाने वाले कपड़ों के रंग पर भी विशेष ध्यान देना चाहिए। क्योंकि रविवार के दिन नीले, काले, कत्थई, और ग्रे अथवा काले या नीले रंग से मिलते-जुलते कपड़े भी नहीं पहनना चाहिए। रविवार के दिन नमक भी नहीं खाना चाहिए वह भी खासकर सूर्यास्त के बाद। ऐसी मान्यता है कि रविवार के दिन नमक खाने से स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है और व्यक्ति के हर कार्य में बाधा भी आती है।
रविवार के दिन व्यक्ति को बाल भी नहीं कटवाने चाहिए। ऐसी मान्यता है कि रविवार के दिन बाल कटवाने से सूर्य कमजोर होता है। रविवार के दिन मांस-मदिरा और शनि देवता से सम्बंधित पदार्थों का सेवन भी नहीं करना चाहिए। चूंकि सरसों का तेल शनि देवता को चढ़ाया जाता है और रविवार सूर्य देवता का दिन होता है इसलिए रविवार को तेल मालिश भी नहीं करना चाहिए।
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