
इस समय सावन माह का कृष्ण पक्ष चल रहा है। हर माह में दो बार एकादशी तिथि पड़ती है। एक शुक्ल पक्ष में और कृष्ण पक्ष में। साल में कुल 24 एकादशी पड़ती हैं। सावन माह के शुक्ल पक्ष में पड़ने वाली एकादशी को पुत्रदा एकादशी के नाम से जाना जाता है। एकादशी तिथि विष्णु भगवान को अतिप्रिय होती है। इस दिन विधि- विधान से भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा- अर्चना की जाती है।
सावन मास शुक्ल पक्ष एकादशी डेट
इस साल 18 अगस्त,बुधवार को सावन मास शुक्ल पक्ष की एकादशी है। इस एकादशी को पुत्रदा एकादशी कहा जाता है।
मुहूर्त
एकादशी तिथि प्रारम्भ - 03:20 ए एम, अगस्त 18
एकादशी तिथि समाप्त - 01:05 ए एम, अगस्त 19
पारण (व्रत तोड़ने का) समय - 06:32 ए एम से 08:29 ए एम, 19 अगस्त
एकादशी व्रत पूजा- विधि
सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि से निवृत्त हो जाएं।
घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करें।
भगवान विष्णु का गंगा जल से अभिषेक करें।
भगवान विष्णु को पुष्प और तुलसी दल अर्पित करें।
अगर संभव हो तो इस दिन व्रत भी रखें।
भगवान की आरती करें।
भगवान को भोग लगाएं। इस बात का विशेष ध्यान रखें कि भगवान को सिर्फ सात्विक चीजों का भोग लगाया जाता है। भगवान विष्णु के भोग में तुलसी को जरूर शामिल करें। ऐसा माना जाता है कि बिना तुलसी के भगवान विष्णु भोग ग्रहण नहीं करते हैं।
इस पावन दिन भगवान विष्णु के साथ ही माता लक्ष्मी की पूजा भी करें।
इस दिन भगवान का अधिक से अधिक ध्यान करें।
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