यह कहना गलत नहीं होगा कि हमारा जीवन ग्रह-नक्षत्र से पूरी तरह से बंधा हुआ है। ज्‍योत‍िषशास्‍त्र के अनुसार अगर ग्रहों की स्थिति खराब हो तो अच्‍छी-खासी ज‍िंदगी बर्बाद हो जाती है। वहीं यदि सही हो तो यह गरीब को भी राजा बना देती है। खास बात यह है क‍ि ये खराब ग्रह हमेशा क‍िसी न क‍िसी रूप में संकेत जरूर देते हैं। लेक‍िन समय रहते ही इन्‍हें समझकर इनका समाधान कर ल‍िया जाए तो राहत म‍िल सकती है। यहां हम आपको बता रहे हैं कि कौन सा ग्रह कैसा संकेत देता है।

जब सूर्य ग्रह खराब होता है
सूर्य देवता को ग्रहों का राजा माना गया है। हर ग्रह की शक्ति के पीछे सूर्य ही होता है। सूर्य के कारण हड्डियों की और आंखों की समस्या होती है। मान्‍यता है क‍ि ह्रदय रोग, टीबी और पाचन तंत्र के रोग का कारण सूर्य का खराब होना ही होता है। ऐसे में अगर कोई ऐसी परेशानी से जूझ रहा हो तो उसे सुबह सूरज न‍िकलने से पहले जागना चाह‍िए। इसके अलावा न‍ियम‍ित रूप से सूर्य को जल अर्पित करें। भोजन में गेंहू की दलिया जरूर खाएं। तांबे के पात्र से जल पीएं। मान्‍यता है लाभ होता है।

जब चंद्रमा का कुंडली में दोष हो
कहते हैं क‍ि जब कुंडली में चंद्रमा का दोष हो तो व्‍यक्ति को मानसिक बीमारियां होती हैं। व्यक्ति को आए द‍िन नींद, घबराहट, बेचैनी की समस्‍या लगी ही रहती है। ऐसी समस्‍या हो तो जातकों को देर रात तक जागने से बचना चाह‍िए। पूर्णिमा या एकादशी का व्रत करना चाहि‍ए। इसके अलावा शिव जी की उपासना करें। चांदी का छल्ला या चांदी की चेन भी धारण कर सकते हैं। इससे लाभ होता है।

मंगल ग्रह का दोष हो तो ये उपाय करें
कुंडली में मंगल ग्रह का दोष हो तो जातकों को रक्‍त संबंधी परेशानी झेलनी पड़ सकती है। क्‍योंक‍ि मंगल मुख्य रूप से रक्त का स्वामी होता है। यह रक्त और दुर्घटना की समस्या देता है। यह उच्च रक्तचाप और बुखार के लिए भी जिम्मेदार होता है। इसके ल‍िए मंगलवार का व्रत रखें। शक्‍कर के बजाए गुड़ का सेवन करें। जमीन पर या लो फ्लोर बेड पर सोएं। घड़े का जल पीएं, यह अद्भुत लाभकारी होता है।

बुध ग्रह का हो दोष तो क्या होता है
कुंडली में बुध ग्रह का दोष हो तो यह जातक के जीवन में स्किन संबंधी परेशानी बढ़ाता है। क्‍योंक‍ि बुध शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता का स्वामी होता है। इसके चलते इंफेक्शन संबंध‍ित बीमारियां भी होती हैं। यह कान-नाक गले की बीमारियों से संबंध रखता है। इन समस्‍याओं से राहत पाने के ल‍िए भोजन में सलाद और हरी सब्जियों का प्रयोग करना चाह‍िए। इसके अलावा कुछ देर उगते हुए सूर्य की रोशनी में बैठें। सुबह-सवेरे खाली पेट तुलसी के पत्तों का सेवन करें। गायत्री मंत्र का जप भी विशेष लाभकारी होता है।

कुंडली में बृहस्‍पत‍ि ग्रह का दोष हो तो क्या होता है
अगर क‍िसी जातक की कुंडली में बृहस्‍पति ग्रह का दोष हो तो जातक को गंभीर बीमारियों का सामना करना पड़ सकता है। कहते हैं क‍ि इससे कैंसर, हेपटाइटिस और पेट की गंभीर बीमारियां होने की भी आशंकाएं बनी रहती हैं। इससे राहत पाने के ल‍िए प्रातःकाल सूर्य को हल्दी मिलाकर जल अर्पित करें। इसके अलावा शुद्ध सोने का छल्ला तर्जनी अंगुली में धारण करें। इससे लाभ होता है। साथ ही न‍ियम‍ित रूप से हल्दी का तिलक जरूर लगाएं। विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करना भी शुभ फलदायी होता है।

शुक्र ग्रह खराब हो तो क्या होता है
ज्‍योत‍िषशास्‍त्र के अनुसार यह शरीर के रसायनों को नियंत्रित करता है। इसके कारण हार्मोंस और मधुमेह की समस्या हो जाती है। कभी-कभी यह आंखों को भी प्रभावित करता है। इससे राहत पाने के ल‍िए दोपहर के भोजन में दही जरूर खाएं। चावल, चीनी और मैदा कम से कम खाएं। भोर में उठकर जरूर टहलें। एक सफ़ेद स्फटिक की माला गले में धारण करना शुभ फलदायी होता है।

शन‍ि संबंध‍ित दोष हो तो क्या होता है
ज्‍योत‍िषशास्‍त्र के अनुसार अगर कुंडली में शनि दोष हो तो कई तरह की द‍िक्‍कतें होती हैं। जातकों को लंबे समय तक चलने वाली बीमारियों होने की संभावनाएं रहती हैं। इससे स्नायु तंत्र और दर्द की समस्या भी हो सकती है। कई बार तो शन‍ि दोष के चलते जातकों का चलना-फिरना तक बाध‍ित हो जाता है। शरीर को विकृत तक बना देता है। ऐसी समस्‍या हो तो जातकों को सात्विक और सादा भोजन ग्रहण करना चाह‍िए। रहने के लिए हवादार और साफ-सुथरे घर का प्रयोग करें। एक लोहे का छल्ला जरूर धारण करें। प्रातःकाल पीपल के नीचे कुछ समय जरूर बैठें।

राहु-केतू की समस्‍या हो तो क्या होता है
अगर क‍िसी जातक की कुंडली में राहु-केतू खराब हो तो कई तरह की द‍िक्‍कतें हो सकती हैं। कहते हैं क‍ि राहु रहस्यमयी बीमारियां देता है। इसकी बीमारियां शुरू में छोटी पर बाद में गंभीर हो जाती हैं। इसकी बीमारियों का कारण अक्सर अज्ञात रहता है। ये खुद आती हैं और खुद ही चली जाती हैं। इससे राहत पाने के ल‍िए चंदन की सुगंध का खूब प्रयोग करें। गले में एक तुलसी की माला धारण करें। सात्विक आहार ग्रहण करना चाह‍िए। चमकदार नीले रंग का खूब प्रयोग करना चाह‍िए। वहीं केतु ग्रह का दोष हो तो जातकों को हर मौसम में नित्य प्रातः स्नान जरूर करना चाह‍िए। धार्मिक क्र‍ियाओं में भाग लेते रहना चाह‍िए। जरूरमंदों को दान करते रहना चाह‍िए।