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शारदीय नवरात्रि (Sharadiya Navratri) चल रहे हैं और इस पर्व में मां दुर्गा (Maa Durga) के विभिन्न रूपों की पूजा की जाती है। आज सप्तमी है और आज का दिन मां कालरात्रि या मां काली (Maa Kali) को समर्पित है। राजस्थान की राजधानी जयपुर जिले में एक मंदिर है जो बहुत ही चमत्कारी है और यहां आने से हर मनोकामना पूरी होती है।
यह मंदिर पांडव कालीन विराटनगर कस्बे के निकट गांव पापडी की अरावली पहाड़ियों के मध्य में स्थित मनसा माता (Mansa Mata) का मंदिर क्षेत्र में लोगों की आगाध श्रद्धा का केन्द्र है। यह माता के 52 शक्ति पीठों में से 41वां शक्ति पीठ मंदिर (Shiv Shakti Peeth) है यहां भक्तों की मनोकामना पूर्ण करने वाली माता के रूप में विशेष पहचान ओर मान्यता है।
बता दें कि यहां नवरात्रों में श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ा रहता है। दिन रात भजनों की बयार बहती है। पौराणिक कथाओं के अनुसार राजा प्रजापति दक्ष की पुत्री के रूप में माता जगंदबिका (maata jagandabika) ने सती (Sati) बनकर जन्म लिया था। सती ने भगवान शिव से विवाह किया था। एक बार राजा दक्ष ने एक यज्ञ का आयोजन करवाया था, लेकिन उस यज्ञ में भगवान शिव को नहीं बुलाया।
जब इसका पता माता पार्वती को चला तो वह यज्ञ में जाने की जिद लगा बैठी और भगवान शिव शंकर (shiv) के लाख मना करने पर भी वह नहीं मानी तो भगवान शिव यज्ञ में पहुंच गए। जहां राजा दक्ष भगवान शिव को देखकर क्रोधित हो गए और भगवान शिव (Bhagwan shiv) का अपमान कर दिया। इस पर सती से भगवान शिव का अपमान सहन नहीं हुआ और उन्होंने यज्ञ कुंड में कूदकर प्राणों की आहूती दे दी।
जिसके बाद भगवान शिव क्रोधित हो गए और सती के पार्थिव शरीर को यज्ञ कुण्ड से निकाल कर कंधे पर डालकर भूमंडल पर तांडव करने लगे, जिससे पृथ्वी पर प्रलय की स्थिती पैदा हो गई। इस पर भगवान विष्णु (Lord Vishnu) नें सुर्दशन चक्र चलाकर सती के शरीर के टुकड़े-टुकड़े कर एक-एक कर धरती पर गिराते रहे, जहां सती के अंग गिरे वहां 51 शक्ति पीठों की स्थापना हुई।
उनमें से यह 41वां शक्ति पीठ है और अम्बिकेश्वर माता (Ambikeshwar Mata) के रूप प्रतिस्थापित हुई। इस मंदिर के बारे में यह भी कहा जाता है कि जब पांडवों ने विराटनगर में अज्ञातवास बिताया था तो राजा युधिष्ठिर ने मां अम्बिकेश्वर से मन्नत मांगी और मन्नत पूरी होने पर इसे मां मनसा के रूप में प्रतिस्थापित किया गया। इसके बाद से इसे मनसा माता के रूप में भी जाना जाने लगा।
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