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ज्योतिष गणनाओं के मुताबिक 16 दिसम्बर से खरमास (Kharmas) या मलमास (Malmas) आरंभ हो जाएगा। मान्यताओं के अनुसार खरमास में शुभ कार्य नहीं किए जाते हैं। ज्योतिष ने बताया है कि जब सूर्य गोचरवश धनु और मीन में प्रवेश करते हैं तो इसे क्रमश: धनु संक्रांति (Dhanu Sankranti) और मीन संक्रांति (Pisces Sankranti) कहा जाता है।
सूर्य के धनु राशि एवं मीन राशि में स्थित होने की अवधि को ही खरमास अथवा मलमास (Malmas) कहा जाता है। मलमास (Malmas) में वैवाहिक कार्य और शुभ कार्य बंद हो जाते हैं। गृह प्रवेश नींव पूजन, नवीन व्यापार, विवाह, सगाई सहित सभी शुभ कार्य खरमास में वर्जित माने गए हैं। मलमास (Malmas) में ईश्वर की आराधना एवं पूजन,अर्चन, भागवत कथाएं, रामायण कथा, रामायण का पाठ, मंत्र जाप धार्मिक कृत्य किए जा सकते हैं।
खरमास कब से कब तक-
16 दिसंबर 2021 मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि से शुरू होकर मकर संक्रांति 14 जनवरी 2022 पौष मास के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि को 14:30 बजे दिन खरमास रहेगा। मकर संक्रांति (Makar Sankranti) का पर्व 14 जनवरी 2022 को मनाया जाएगा।
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