
आज श्रीकृष्ण जन्माष्टमी है। बताया जा रहा है कि आज जन्माष्टमी पर 101 साल बाद जयंती योग का दुर्लभ संयोग बन रहा है। मान्यताओं के मुताबिक इस साल श्रीकृष्ण जन्माष्टमी जयंती योग में मनाई जा रही है। श्रीमद्भगवत पुराण के अनुसार, श्रीकृष्ण जी का जन्मा भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि, दिन सोमवार, रोहिणी नक्षत्र और वृषभ राशि में हुआ था।
हिंदू पंचांग के अनुसार, श्रीकृष्ण जन्माष्टमी 30 अगस्त, दिन सोमवार को है।
• इस साल चंद्रमा वृषभ राशि में रहेंगे।
• 30 अगस्त की सुबह 6 बजकर 46 मिनट पर रोहिणी नक्षत्र लग जाएगा।
• अष्टमी तिथि मध्यरात्रि 12 बजकर 24 मिनट तक रहेगी।
• इसके बाद नवमी लग जाएगी। इस प्रकार जन्माष्टमी पर अष्टमी तिथि, सोमवार और रोहिणी नक्षत्र का एक साथ मिलना दुर्लभ संयोग है।
• वैदिक ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, ऐसा संयोग करीब 101 साल बाद बन रहा है।
• 29 अगस्त रात 10 बजकर 10 मिनट से अष्टमी तिथि लग गई है।
पूजा-विधि
• सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि से निवृत्त हो जाएं।
• घर के मंदिर में साफ- सफाई करें।
• घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करें।
• सभी देवी- देवताओं का जलाभिषेक करें।
• इस दिन भगवान श्री कृष्ण के बाल रूप यानी लड्डू गोपाल की पूजा की जाती है।
• लड्डू गोपाल का जलाभिषेक करें।
• इस दिन लड्डू गोपाल को झूले में बैठाएं।
• लड्डू गोपाल को झूला झूलाएं।
• अपनी इच्छानुसार लड्डू गोपाल को भोग लगाएं। इस बात का ध्यान रखें कि भगवान को सिर्फ सात्विक चीजों का भोग लगाया जाता है।
• लड्डू गोपाल की सेवा पुत्र की तरह करें।
• इस दिन रात्रि पूजा का महत्व होता है, क्योंकि भगवान श्री कृष्ण का जन्म रात में हुआ था।
• रात्रि में भगवान श्री कृष्ण की विशेष पूजा- अर्चना करें।
• लड्डू गोपाल को मिश्री, मेवा का भोग भी लगाएं।
• लड्डू गोपाल की आरती करें।
• इस दिन अधिक से अधिक लड्डू गोपाल का ध्यान रखें।
• इस दिन लड्डू गोपाल की अधिक से अधिक सेवा करें।
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