साल 2021 खत्म होने वाला है और नया साल आने वाला है। नए साल 2022 का लोग बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। नए साल नए बदलाव होंगे। नए साल की शुरूआत इस बार बहुत ही खास होने वाली है। हिन्दू पंचांग के मुताबिक नए साल की शुरूआत भगवान शिव (Lord Shiva) की पूजा के साथ होगी। बता दें कि नए साल को मासिक शिवरात्रि (Masik Shivratri) है।
माना जाता है कि मासिक शिवरात्रि (Masik Shivratri) पर शिवरात्रि शिव और शक्ति के मिलन होता है। भारतीय पौराणिक कथाओं के अनुसार, महाशिवरात्रि की मध्यरात्रि में भगवान शिव लिंग (Shiva Linga) के रूप में प्रकट हुए थे। शिव लिंग की सबसे पहले भगवान विष्णु और भगवान ब्रह्मा ने पूजा की थी।

मासिक शिवरात्रि (Masik Shivratri) का व्रत करने से मनोकामनाएं पूरी होती हैं। मासिक शिवरात्रि की तिथि-

पंचांग के अनुसार चतुर्दशी की तिथि की शुरुआत 1 जनवरी 2022 को प्रात: 7 बजकर 17 मिनट से होगी। 2 जनवरी 2022, रविवार को प्रात: 3 बजकर 41 मिनट पर चतुर्दशी की तिथि का समापन होगा।
व्रत विधि-

  • मासिक शिवरात्रि (Masik Shivratri) की पूजा आधी रात को की जाती है जिसे निशिता काल भी कहा जाता है।
  • भगवान शिव की मूर्ति या शिव लिंग के अभिषेक करने से होती है।
  • भक्त गंगाजल, दूध, दही, घी, शहद, सिंदूर, हल्दी पाउडर, गुलाब जल और बेल के पत्ते चढ़ाते हैं।
  • शिव आरती (Shiva aarti) या भजन गाए जाते हैं और शंख बजाया जाता है।
  • इसके बाद भक्त प्रसाद ग्रहण करते हैं. शिवरात्रि व्रत पूरे दिन रखा जाता है और अगले दिन पारण किया जाता है।


मासिक शिवरात्रि मंत्र-

"ॐ नमः शिवाय"

का जाप करना काफी शुभ माना जाता है.