दिवाली (Diwali) का त्योहार आ गया है। इसकी काफी जोरोशोंरो से तैयारियां चल रही है। घरों की साज सज्जा की जा रही है। इसी के साथ में चार चांद लगाने के लिए रंगोली (Rangoli) घर के आंगन में जरूर बनाए। इसे घर सुंदर को दिखेगा साथ ही मां लक्ष्मी (Goddess Laxmi) भी इससे बहुत खुश होती है और घर में वास करती है।


रंगोली एक पारंपरिक भारतीय कला रूप है जिसमें विभिन्न सामग्रियों जैसे पाउडर चूना पत्थर, लाल गेरू, सूखे चावल का आटा, रंगीन रेत, क्वार्ट्ज पाउडर, फूलों की पंखुड़ियां, और रंगीन कंकड़ और कई अन्य चीजों के साथ फर्श पर डिजाइन तैयार किए जाते हैं।

रंगोली आमतौर पर दिवाली, तिहाड़, ओणम, पोंगल, संक्रांति के हिंदू त्योहारों के दौरान बनाई जाती है।


जानकारी के लिए बता दें कि देश के विभिन्न हिस्सों में अलग-अलग नामों से पुकारा जाता है, जैसे दक्षिण भारत में इसे 'कोलम' और कोलकाता में इसे 'अल्पना' कहा जाता है।

रंगोली का महत्व देवी लक्ष्मी (Goddess Laxmi) के स्वागत पर आधारित है, जिन्हें धन और सौभाग्य की देवी के रूप में जाना जाता है। रंगोली आमतौर पर घर के प्रवेश द्वार पर बनाई जाती है जो घर में देवी लक्ष्मी (Goddess Laxmi) के स्वागत का प्रतीक है।