पितृपक्ष में लोग अपने पितरों को याद करते हैं और उनका तर्पण और श्राद्ध करते हैं। मान्यता है कि पितृ पक्ष में पिंड दान, श्राद्ध और तर्पण करने से पितर प्रसन्न होते हैं और अपना आशीर्वाद प्रदान करते हैं। पितरों को हिंदू धर्म में देवतुल्य माना जाता है। सनातन धर्म में इस समय का विशेष महत्व होता है।
जानकारी न होने पर लोग पितृपक्ष के दौरान ऐसे कार्य कर देते हैं, जिनसे पितर नाराज हो सकते है तो इन बातों का रखना चाहिए ध्यान चाहिए-

1. पितृपक्ष के दौरान किसी भी शुभ कार्य को करने की मनाही होती है। इस दौरान नए कपड़े या कोई भी नई चीज नहीं खरीदनी चाहिए।

2. पितृपक्ष को पितरों का समय मानते हैं। कहा जाता है कि इस दौरान पुरुषों को बाल और दाढ़ी नहीं कटवानी चाहिए।

3. जिस दिन श्राद्ध कर्म हो उस दिन शरीर में तेल नहीं लगाना चाहिए। पितृपक्ष के दौरान इत्र या परफ्यूम का इस्तेमाल भी नहीं करना चाहिए।

4. पितृपक्ष के दौरान सात्विक भोजन ही करना चाहिए। श्राद्धकर्म के दिन पान नहीं खाना चाहिए और न ही दूसरों के घर का भोजन करना चाहिए।

5. माना जाता है कि श्राद्ध करते समय लोहे का बर्तन का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। इस दौरान अन्य धातु से बनें बर्तन या पत्तल का प्रयोग कर सकते हैं।