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तेजपुर (असम)। असम (Assam) में पहली बार एक जंगली हाथी (Wild elephant) के गले में 'रेडियो कॉलर' (Radio Collar) लगाया गया। ऐसा वन विभाग और वर्ल्ड वाइल्ड लाइफ फंड की पहल के तहत किया गया है। इसकी मदद से जंगली हाथियों से जुड़ा जरूरी डेटा जुटाया जाएगा।
रेडियो कॉलर (Radio Collar) हाथी की गर्दन पर लगाई जाने वाली एक हल्की बेल्ट होती है। यह उपकरण जीपीएस (GPS) से लैस होता है और कंप्यूटर या मोबाइल ऐप पर वास्तविक समय पर डेटा एकत्र किया जाता है। अधिकारियों ने बताया कि सोनितपुर जिले में यह प्रयोग किया गया है क्योंकि वहां जंगली हाथी अक्सर क्षेत्र में धान के खेतों को नष्ट कर देते हैं और यहां तक कि मनुष्यों को भी मार देते हैं।
हाथी विशेषज्ञ डॉ. कुशल कुंवर शर्मा ने कहा कि अधिकारियों और डॉक्टरों की एक संयुक्त टीम रंगपारा में अडाबारी चाय बागान के पास अमरीबाड़ी वन कार्यालय के तहत एक क्षेत्र में ठहरी हुई है। शुरू में नर हाथी के गले में रेडियो कॉलर डाला गया था, लेकिन बाद में प्रायोगिक आधार पर मंगलवार शाम को एक हथिनी पर रेडियो कॉलर लगाया गया। डॉ. शर्मा ने कहा कि रेडियो-कॉलर झुंड के स्थान, समूह में जानवरों की सही संख्या और झुंड द्वारा अपनाए गए मार्ग की पहचान करने में मदद करते हैं। जब भी कोई हाथी मानव बस्ती के आसपास होता है, तो डेटा की निगरानी से पूर्व चेतावनी मिल जाती है।
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